Chitrakoot चित्रकूट । रेलवे का काम कर रहे एक श्रमिक की दो मासूम बेटियां पानी भरे गड्ढे में डूब गईं। जबतक उनको निकाला जाता, दोनों की सांसें थम चुकी थीं। मासूम बहनों की मौत से परिवार में रोना पीटना मच गया।
जानकारी के मुताबिक, कर्वी में रेलवे स्टेशन में क्वार्टर और गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य हो रहा है। इसमें मानिकपुर थानांतर्गत बारामाफी गांव निवासी लल्लू उर्फ नीलू पुत्र बदलू अपनी पत्नी राजवती के साथ भी मजदूरी कर रहा है। बलदाऊगंज में बन रही रेलवे कालोनी के पास ही एक पानी से भरा गड्ढा है, जहां से श्रमिक अपने कपड़े और नहाने धोने का पानी लेते हैं। बताया जाता है कि वहीं आसपास श्रमिकों के बच्चे भी खेलते कूदते हैं।
मंगलवार की अपराह्न लगभग साढ़े 11 बजे लल्लू की दो बेटियां संध्या उर्फ कल्ली (7) और सुधा उर्फ लल्ला (4) खेलते खेलते पानी से भरे गड्ढे में जा गिरीं और फिर निकल न सकीं। गड्ढे की गहराई लगभग साथ फीट बताई जाती है।
वहीं पास से निकल रहे एक व्यक्ति ने जब यह देखा तो दौड़कर श्रमिकों को सूचना दी। लोग भागकर वहां पहुंचे और दोनों बच्चियों को बाहर निकाला। जिंदगी की आस में दोनों को लेकर लोग जिला अस्पताल भागे, जहां चिकित्सकों ने इनको मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने बताया कि मृतकों के मातापिता को चार-चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
मनौती के बाद हुई थीं दो संतानें
जानकारी के मुताबिक, दंपति के शादी के काफी समय बाद तक औलाद नहीं हुई। काफी मान मनौती के बाद दोनों के घर इन बहनों ने जन्म लिया। आज ये दोनों भी नहीं रहीं। पति-पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया।
डेढ़ महीने पहले ही आए थे दोनों
बताया जाता है कि लल्लू अपने परिवार के साथ लगभग डेढ़ महीने पहले ही गांव से यहां काम के लिए आया था। दोनों यहां काम करते थे। इनको प्रतिदिन साढ़े छह सौ रुपये के हिसाब से मजदूरी मिलती थी। इनको क्या पता था कि जब लौटेंगे तो अपनी औलादों को खोकर।