Ayodhya अयोध्या। जुलाई से अगस्त तक सरयू नदी में तीसरी बार आए उफान से सदर तहसील के 16 गांवों की 15 हजार की आबादी फिर बाढ़ की चपेट में आ गई है। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से इन गांवों में पानी तेजी के साथ दाखिल हो गया है। जिसके कारण चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है। एक बार फिर बाढ़ पीड़ित पलायन को मजबूर हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासनिक स्तर पर अभी कोई तैयारी नहीं दिख रही है।
बाढ़ से प्रभावित गांव मूडाडीहा माझा, उरदहवा, पिपरी संग्राम, पूरे चेतन, सलेमपुर, मडना माझा, रामपुर पुआरी माझा, बलुइया माझा, मदराही, नयी दुनिया , पनसैवा धनी का पुरवा, तौलेसर का पुरवा, गिलन्ट, सेवरहवा, काजीपुर माझा समेत 16 गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं। अभी तक 1200 बाढ़ पीड़ित परिवार संकट से घिरे हुए सामने आए हैं। पशुओं के चारे समेत जीवन यापन की व्यवस्था पूरी तरह से छिन्न भिन्न हो गई है। मड़ना के प्रधान प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव बताते हैं कि नदी का पानी बढ़ने लगा है। अब बाढ़ पीड़ित सुरक्षित ठौर की तलाश करने लगे हैं। अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई तैयारी नहीं है। बलुइया माझा बाढ़ के पानी से चारों तरफ से गिर चुका है, जाने का कोई रास्ता नहीं है।
वहीं मूडाडीहा के प्रधान गया प्रसाद यादव ने बताया कि सरयू नदी का पानी बढ़ रहा है। बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोग पानी देखकर हैरान हो रहे हैं। रामपुर पुआरी माझा के प्रधान रमेश निषाद कहते हैं कि पानी बढ़ते देख बाढ़ पीड़ितों में हलचल मच गई है। मदराही, नयी दुनिया, पनसैवा, तौलेसर का पुरवा, बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर चुका है।
मदराही के पुनवासी, बिंदु, कौशल, सोहन, संतराम, बैजनाथ बताते हैं कि बाढ़ के पानी ने हैरान करके रख दिया है अब पलयान करना पड़ेगा। अभी प्रशासनिक स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य की कोई तैयारी नहीं है। इस बाबत लेखपाल मड़ना माझा रामपाल ने बताया कि बाढ़ के पानी से घिरे गांवों में आठ नाव लगा दी गई है, स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत शिविर शुरू किया जा रहा है।