मेरठ: एटीएस ने वेस्ट यूपी में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया और छह जनपदों में 74 रोहिग्ंया मुसलमानों को पकड़ लिया। अधिकांश लोग फर्जी तरह से फैक्ट्रियों में मजदूर बनकर काम कर रहे थे। खरखौदा में एटीएस ने दो रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा है। उत्तर प्रदेश एटीएस को काफी समय से सूचना मिल रही थी कि अवैध रूप से सीमा पार करके यूपी के विभिन्न जनपदों में रोहिंग्या रह रहे हैं।
इसी इनपुट के आधार पर एटीएस काफी दिनों से सर्चिंग आॅपरेशन की तैयारी कर रहा था। सोमवार को जनपदीय पुलिस के सहयोग से 6 जिलों में ये अभियान चलाया और 74 रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी की है। सहारनपुर और मेरठ से दो-दो, हापुड़ से 13, गाजियाबाद से 4, अलीगढ़ से 17 और मथुरा से सर्वाधिक 31 रोहिंग्या पकड़े गए हैं। हापुड़ जिले में सभी रोहिंग्या धौलाना थाना क्षेत्र के खिचरा इलाके में रह रहे थे।
गाजियाबाद के लोनी इलाके में ये कार्रवाई हुई है। मथुरा के जैंत थाना क्षेत्र में करीब आठ घंटे तक एटीएस की कार्रवाई चली। खरखौदा में एटीएस की कार्रवाई से हड़कंप मच गया था। एटीएस ने संदेह के आधार पर दस लोगों को पूछताछ के लिये खरखौदा थाने लेकर आई थी। बाद में लंबी पूछताछ के बाद दो रोहिंग्या ही उसमें से निकले। एटीएस ने पकड़े गए आरोपियों को थाना पुलिस को सौंप दिया है।
छेड़छाड़ के आरोपी को 5 वर्ष का कारावास
मेरठ: न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या-1 पोक्सो अधिनियम मेरठ भावना गुप्ता ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने के आरोप में आरोपी इमरान पुत्र रियाजुद्दीन निवासी भावनपुर को दोषी पाते हुए पांच वर्ष के कारावास व अंकन 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। सरकारी वकील धर्मवीर तोमर ने बताया कि वादी मुकदमा ने थाना भावनपुर गत तीन फरवरी 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पड़ोस में रहने वाला आरोपी उसकी चार वर्षीय पुत्री को चॉकलेट खिलाने के बहाने छेड़छाड़ कर रहा था।
जब पीड़िता ने उसका विरोध किया तो उसने पीड़िता के साथ मारपीट की और मौके से भाग गया। आरोपी ने न्यायालय में कहा कि उसे झूठा फंसाया जा रहा है। जिसका सरकारी वकील ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखते हुए आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई।