बालिका को स्नातक तक प्रवेश में छः चरणों में 15 हजार रुपए उपलब्ध कराने की व्यवस्था
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परम्परा सदा स्वावलम्बन की रही है। स्वावलम्बन की परम्परा के पीछे यहां का समाज रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा में भी आत्मनिर्भर ग्राम की बात कही गयी है। आत्मनिर्भर समाज एवं ग्राम में शासन पर निर्भरता न्यूनतम थी। उन्होंने कहा कि समाज आगे चलेगा, सरकार उसके पीछे होगी, तब समाज स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर होगा। यदि सरकार आगे होगी, समाज पीछे होगा तब वह समाज परावलम्बी होगा। परावलम्बी समाज सभी चीजों के लिए सरकार से उम्मीद करेगा। परावलम्बी समाज में स्वावलम्बन जैसे भाव का सदैव अभाव दिखाई देगा। मुख्यमंत्री जी आज यहां भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के छात्रावास भूमि पूजन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने आर्थिक दृष्टि से विपन्न मेधावी छात्राओं के लिए निःशुल्क आवासीय प्रकल्प के भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि आज माघ पूर्णिमा है। मध्यकाल में सामाजिक भेदभाव को दूर कर एक समरस समाज की स्थापना करने और कर्म साधना की प्रेरणा देने वाले सद्गुरू संत रविदास जी की आज पावन जयन्ती है। मुख्यमंत्री जी ने पूज्य संत रविदास जी को कोटि-कोटि नमन करते हुए उनकी जयन्ती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी।
कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने महामना शिक्षण संस्थान की प्रथम स्मारिका 'महामना पं0 मदन मोहन मालवीय भारतीयता के प्रतीक पुरुष' एवं भाऊराव देवरस न्यास द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'सेवा चेतना' का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी को पुष्प एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। उन्होंने महामना शिक्षण संस्थान के योग्य विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि महामना शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित 'बालिका प्रकल्प' का कार्यक्रम यहां प्रारम्भ हो रहा है। यह प्रदेश की बालिकाओं को स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर करने और इसके माध्यम से समाज की नींव को मजबूत करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि देश की विडम्बना रही है कि ब्रिटिश कालखण्ड में देश के गौरव को पूरी तरह से समाप्त करने के प्रयास किये गये। बड़े-बड़े शिक्षा केन्द्र एवं आस्था केन्द्रों को नष्ट किया गया, जिससे भारतीय समाज अपने गौरव की अनुभूति न कर सके। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह पहली बार हुआ कि किसी राष्ट्रीय पर्व के साथ पूरा देश जुड़ पाया। प्रत्येक भारतीय द्वारा हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत अपने घर पर तिरंगा लगाया गया। यह इस बात द्योतक है कि पूरा देश भारतीयता के साथ जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की जनता ने तिरंगा के साथ भारतीयता का एहसास कराया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीयता का एहसास इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान भी हुआ। विश्व में अमेरिका एवं यूरोप के देशों के बजाय भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं कम थीं, इसके बावजूद कोरोना कालखण्ड में देशवासियों द्वारा मिलकर टीमवर्क के माध्यम से कार्य किया गया, जो दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबन्धन का उदाहरण साबित हुआ। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब समाज आगे बढ़कर नेतृत्व करता है तो उसके परिणाम भी आने लगते हैं। सरकार के साथ समाज भी जब अनुशासन के साथ आगे बढ़ता है, परिणाम उसी रूप से आगे देखने को मिलते हैं। आज हम इस पवित्र भूमि-पूजन के कार्यक्रम आयोजन के साथ दो महान विभूतियों महामना पं0 मदन मोहन मालीवय तथा श्री भाऊराव देवरस से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाऊराव देवरस ने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर छात्र संघ की सक्रिय राजनीति में योगदान दिया था। श्री भाऊराव देवरस ने आजादी के आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इन्होंने शिक्षण कार्य के उपरान्त अपने आपको समाज के लिए समर्पित किया। श्री भाऊराव देवरस ने अनेक सामाजिक संगठनों को नेतृत्व प्रदान किया था, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उत्तर भारत में अनेक स्थानों पर श्री भाऊराव देवरस के नाम पर संस्थानों का निर्माण कराया गया है, जो उनके विराट व्यक्तित्व को अवगत कराता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत रत्न पं0 मदन मोहन मालीवय एक प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। मालवीय जी ने आजादी के आन्दोलन के दौरान अधिवक्ता के रूप में क्रान्तिकारियों की न्यायालय में पैरवी की थी। वह एक समाज सुधारक थे। समाज को जोड़ने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयास हम सभी के सामने हैं। मालवीय जी ने गंगा महासभा के माध्यम से अंग्रेजों द्वारा गंगा जी को रोकने के प्रयास के खिलाफ मुखर आवाज उठायी थी। उन्होंने अंग्रेजों के सामने इसके समाधान का जो रास्ता प्रदान किया था, वह आज भी उसी रूप में बरकरार है, जो सौ वर्ष बाद भी आज हरिद्वार में देखने को मिलता है। मालवीय जी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1916 में की थी। उन्होंने इस विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान किये थे, जो आज के परिप्रेक्ष्य में समाज और देश को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा व तक्षशिला का मॉडल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बना है, वह आज हम सभी को देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चारों दिशाएं अनुकूल हैं तो उसके परिणाम भी अनुकूल आयेंगे। इस प्रकार के परिणाम यहां पर छात्रों को सम्मानित करने के समय देखने को मिला। महामना शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने आई0आई0टी0, जे0ई0ई0 एवं नीट में सफलता प्राप्त की है। यह न्यास बालिकाओं के पठन-पाठन के लिए बिना भेदभाव के मंच प्रदान कर रहा है। यहां पर बालिकाओं को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रस्तावित छात्रावास व उसके उपरान्त बनाये जाने वाले शिक्षण संस्थान अपने आप में अभिनन्दनीय प्रयास है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं हेतु अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से बालिका के जन्म से लेकर स्नातक तक प्रवेश में छः चरणों में 15 हजार रुपये की आर्थिक धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखण्ड के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोटा, राजस्थान में फंसे लगभग 15 हजार विद्यार्थियों को 500 बसों के माध्यम से प्रदेश में लाकर उनके घर तक पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग हेतु किसी अन्य प्रदेश में न जाना पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से राज्य के विद्यार्थियों को वर्चुअल व भौतिक तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। यहां पर अध्ययनरत गरीब छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के कोचिंग में संघ लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से कोचिंग करने वाले 43 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शासन की योजनाओं के संचालन में समाज के स्वावलम्बन की मंशा होती है। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। विद्यार्थियों को 02 करोड़ टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को अपने विद्यार्थियों को शासन की योजनाओं से भी अवगत कराना चाहिए। स्टार्टअप स्थापित करने की चाह रखने वाले छात्रों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओ0डी0ओ0पी0 में दी जाने वाली सब्सिडी की जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। विद्यार्थियों को समय से इन योजनाओं की जानकारी होने पर वे अपने अध्ययन के प्रथम वर्ष से ही स्टार्टअप स्थापित करने के सम्बन्ध में तैयारी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में कृषि का सबसे बड़ा केन्द्र है। प्रदेश में सबसे अच्छी ऊर्वरा भूमि एवं जल संसाधन हैं। प्रदेश में कृषि स्टार्टअप हेतु युवाओं को तैयार करना होगा। प्रदेश का ओ0डी0ओ0पी0, एम0एस0एम0ई0 का सबसे बड़ा आधार है। प्रदेश सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित किया है। राज्य में 01 लाख 60 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक निर्यात किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रदेश बन रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्किल मिशन का चतुर्थ चरण प्रारम्भ होने जा रहा है। प्रदेश के युवाओं को अभी से तैयार होना होगा। निश्चित प्रक्रिया के तहत संस्थाएं प्रधानमंत्री स्किल मिशन के सम्बन्ध में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर छात्रों को अवगत करायें, तो छात्रों के स्वावलम्बन की दिशा में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्हें डिग्री लेने के बाद भटकना नहीं पड़ेंगा। इस अवसर पर सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डॉ0 कृष्ण गोपाल, अध्यक्ष भाऊराव देवरस सेवा न्यास श्री ओम प्रकाश गोयल, डॉ0 शैला चन्द्रा कुलकर्णी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।