अमरोहा: किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 48 दिन में 25 साल की सजा, कपड़े और चप्पल से हुई आरोपी की पहचान
तेरह वर्ष की किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को न्यायालय ने 48वें दिन 25 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गिरफ्तारी के बाद से ही दोषी जेल में बंद है। उसे जमानत नहीं मिल सकी थी। दोषी साइको प्रवृत्ति का है, उसे पर हसनपुर, गजरौला और सैदनगली थाने में पंद्रह मुकदमे दर्ज हैं।
ये घटना सैदनगली थानाक्षेत्र के एक गांव की है। यहां पर किसान का परिवार रहता है। किसान की 13 वर्षीय बेटी 22 जून 2023 की सुबह खेत पर सो रही थी। तभी एक अनजान व्यक्ति वहां पहुंचा और किशोरी को जगा कर आम से भरा कट्टा मोटरसाइकिल पर रखवाने के बहाने बाग में ले गया।
इस दौरान पीड़िता के चाचा ने किशोरी को युवक के साथ जाते हुए देखा था। आरोपी ने लाल रंग की शर्ट, काली पेंट और पैरों में चप्पल पहन रखे था। उसकी उम्र करीब 20 से 22 साल थी। इस दौरान आरोपी ने किशोरी के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किया।
चाचा परिवार के सदस्यों को लेकर उसी स्थान पर पहुंचा जहां किशोरी को युवक के साथ जाते हुए देखा था। इस दौरान पीड़िता रोती हुई आम के बाद से बाहर आई और परिजनों को आपबीती बताई। घटना के बाद आरोपी अपनी बाइक छोड़कर भाग गया।
इस मामले में किशोरी के पिता ने अज्ञात के खिलाफ छेड़खानी, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की विवेचना एसएसआई बृजेश कुमार सिंह ने की। किशोरी के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपी को पुलिस रिकॉर्ड में चेक किया।
कपड़े, चप्पल और हुलिये के आधार पर पुलिस ने एक संदिग्ध आरोपी का फोटो पिता के व्हाट्सएप पर भेजा तो किशोरी ने उसे पहचान लिया।आरोपी की पहचान हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के घंसूरपुर निवासी बबलू के रूप में हुई। पुलिस रिकॉर्ड में बबलू के खिलाफ नौ मुकदमे दर्ज पाए गए।
पुलिस ने बबलू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर उसे जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के बाद से ही बबलू जेल में बंद है। तमाम प्रयासों के बाद भी उसे जमानत नहीं मिल सकी। इस मामले में घटना के 21 वें दिन यानी 11 जुलाई को पुलिस ने आरोपी बबलू के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
इसके बाद न्यायालय ने 8 अगस्त को मुकदमे में चार्ज लगाकर सीधा ट्रायल पर ले लिया। मुकदमे की पहली सुनवाई 17 अगस्त को हुई। इस मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम डॉ. कपिला राघव की अदालत में चल रही थी।
विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि न्यायालय ने मुकदमे में आखिरी सुनवाई 27 सितंबर को की और साक्ष्य व सबूतों के आधार पर आरोपी बबलू को दोषी करार दिया।
बुधवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए दोषी बबलू को 25 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने में से 40 हजार रुपये पीड़िता को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
दुष्कर्म की कोशिश में हुई थी पांच साल की सजा, अपील पर था बाहर
हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव घंसूरपुर खालसा निवासी बबलू आदमपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने बहनोई के घर पर रहता था। 16 फरवरी 2014 की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे वह गांव की एक छह वर्षीय बच्ची को बहला फुसलाकर अमरूद की बगिया में ले गया, जहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी।
पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई। पुलिस ने संबंधित धाराओं के साथ ही पाक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की। बाद में पुलिस ने बबलू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इस मामले में 10 जून 2016 को प्रथम अपर जिला जज रमाकांत मिश्र की अदालत ने बबलू पर दोषी मानते हुए पांच वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। कुछ दिन जेल काटने के बाद बबलू अपील पर जेल से बाहर आ गया था।