Allahabad: शहर से सटे ग्रामीण इलाके में जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी

अवैध निर्माणों को किया जाएगा वैध: प्रयागराज विकास प्राधिकरण

Update: 2024-09-17 07:31 GMT

इलाहाबाद: प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) विभिन्न योजनाओं के लिए शहर से सटे ग्रामीण इलाके में जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी कर रहा है. पीडीए जमीन अधिग्रहण कर कोई योजना बनाता है तो इसका लाभ आसपास अवैध निर्माण करने वालों को भी मिलेगा. अवैध प्लॉटिंग में जमीन खरीदकर बनाए गए मकान भी वैध होंगे, लेकिन इसके लिए 50 फीसदी कीमत चुकानी होगी.

पीडीए जमीन अधिग्रहण को लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है. एयरपोर्ट के आसपास और गंगापार के सोरांव क्षेत्र में जमीन लेने की योजना है. इन्हीं क्षेत्र में जमकर अवैध प्लॉटिंग हुई है. पीडीए ने कई निर्माणों को तोड़ दिया. इसके बावजूद काफी घर बन गए. तैयार हो रहे प्रस्ताव में अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन के आसपास ही अवैध प्लॉटिंग हुई है. पीडीए अवैध प्लॉटिंग वाले खाली हिस्से को भी अधिग्रहण करेगा. प्लॉटिंग वाले खाली जमीन में बने मकान पीडीए की मांग के अनुरूप राशि का भुगतान करेंगे तो उनको भी सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस योजना में अवैध मकान वैध हो जाएगा. पीडीए के ओएसडी आलोक पांडेय ने प्रस्ताव तैयार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि शासन की ओर से जमीन अधिग्रहण की गाइडलाइन के अनुसार ही जमीन का अधिग्रहण होगा. अवैध मकान या कॉलोनी वैध हो सकेंगी.

अतीक अहमद की एक और बेनामी संपत्ति होगी कुर्क: माफिया अतीक और अशरफ ने अपनी दबंगई के बल पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई थी. जांच के दौरान पुलिस के सामने नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. पिछले दिनों नौकर श्याम जी सरोज के नाम पर लगभग आठ करोड़ की बेशकीमती बेनामी संपत्ति खरीदने का मामला सामने आया था. पुलिस और प्रशासन की जांच में मामला सही पाया गया. इसके बाद पुलिस ने इसे गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करने के लिए रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर कोर्ट में भेज दी है.

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की बेनामी और काली कमाई से अर्जित संपत्तियों पर पुलिस की कार्रवाई का सिलसिला जारी है. पिछले दिनों राजमिस्त्रत्त्ी हुबलाल के नाम पर माफिया भाइयों की करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति होने का पता चला था. माफिया की इस बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई कर राज्य सरकार में निहित कर दिया गया. ऐसी ही एक बेनामी संपत्ति करछना तहसील के मीरखपुर उपरहार में भी श्याम जी सरोज के नाम पर पता चली थी. इसे माफिया अतीक-अशरफ ने नौकर श्याम जी सरोज के नाम पर खरीदा था. पुलिस और प्रशासन की जांच के बाद मामला सही पाया गया. ऐसे में पुलिस ने इस संपत्ति को गैंगस्टर के तहत कुर्क करने के लिए पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट भेज दी है.

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