Allahabad: अदालत ने बच्ची के हत्यारे को छह माह में फांसी की सजा सुनाई

"हत्या करने वाला आरोपी दोषी करार"

Update: 2025-01-04 06:05 GMT

इलाहाबाद: विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) राजेश नारायण मणि त्रिपाठी ने चार वर्षीय मासूम सौतेली बेटी से दुराचार करने के बाद उसकी हत्या करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई.

मुकदमे का फैसला जानने के लिए अदालत के बाहर काफी भीड़ जुटी रही. अदालत ने यह फैसला मात्र छह महीनों के अंदर सुनाया है.

जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह व सुनील कुमार मिश्रा के अनुसार थाना नवाबगंज कस्बा निवासी विष्णु गुप्ता उर्फ तिन्ने पुत्र देवता प्रसाद ने 22 जून 2024 को इस आशय की तहरीर दी कि कटरा रेलवे स्टेशन के पास बगिया में एक मासूम बच्ची का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ है. पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया. घटना की विवेचना तत्कालीन विवेचक मनोज राय ने शुरू की और चौबीस घंटे के अंदर घटना का खुलासा करते हुए मध्य प्रदेश के जिला दतिया थाना सेवढ़ा के अंतर्गत ग्राम जोरी ताल निवासी विश्वनाथ वंशकार पुत्र रामदास वंशकार को गिरफ्तार कर लिया. इस संबंध में एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि मासूम की हत्या की घटना के बाद पुलिस टीमों ने 24 घंटे के भीतर आरोपी विश्वनाथ वंशकार निवासी मध्यप्रदेश को गिरफ्तार कर लिया गया था. घटना की विवेचना और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार राय ने सिर्फ 10 दिन में ही वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन और विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुए आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था.

जब तक मृत्यु न हो जाए, लटकाए रखें पुलिस की तत्परता, पैरवी से छह माह के अंदर अदालत ने मुकदमे की कार्यवाही पूरी करते हुए हत्यारोपी को को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया और अदालत ने इसे विरलतम अपराध की श्रेणी का अपराध करार देते आखिरी सांस तक जब तक मृत्यु न हो जाए तब तक फांसी के फंदे से लटकाए जाने की सजा सुनाई.

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