Agra: नकली दवा फैक्ट्री कांड में जीजा साले सहित चार भेजे जेल
फैक्ट्री के लिए जगह देने वाले भी फंसेंगे
आगरा: लखनपुर (सिकंदरा) में पशुओं की नकली दवा बनाने की दो फैक्ट्री पकड़ी गई थीं. 60 घंटे चली लंबी जांच के बाद पुलिस ने अश्वनी गुप्ता उसकी पत्नी निधि गुप्ता, साले सौरभ दुबे और कर्मचारी उस्मान को जेल भेज दिया. मुकदमे में किराए पर जगह देने वाले शारिक खान और कमलेश देवी को भी नामजद किया है. कर्मचारी उस्मान महज 12वीं पास है. वह दवाओं में मिश्रण की मात्रा निर्धारित करता था.
लखनपुर में पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने की रात फैक्ट्री पकड़ी थीं. जीजा-साले अलग-अलग दवा फैक्ट्री चला रहे थे. पशुओं की नकली दवाएं बनती थीं. छापेमारी के बाद से औषधि विभाग की टीम दवाओं और कच्चे माल की लिस्ट बनाने में जुटी हुई थी. चार करोड़ से अधिक की बरामदगी थी. लिखापढ़ी में समय लगा. पुलिस ने बताया कि अश्वनी गुप्ता ने गजानन नगर, लोहामंडी निवासी शारिक खान से 17 हजार रुपये महीने पर मैरिज होम किराए पर लिया था. उसके साले सौरभ दुबे ने कमलेश देवी से दस हजार रुपये महीना किराए पर घर किराए पर लिया था. दोनों इन्हीं में फैक्ट्री चला रहे थे.
सारंगपुर, फतेहाबाद निवासी उस्मान खान फैक्ट्री में फार्मासिस्ट की भूमिका निभा रहा था. तय करता था कि किस दवा में किस रसायन का कितना मिश्रण रहेगा. दवा बनने के बाद पैकिंग के लिए महिलाओं को काम पर रखा हुआ था. उन्हें मजदूरी मिलती थी. महिलाओं को यह नहीं पता था कि फैक्ट्री में नकली दवा बनती हैं. जांच में यह भी साफ हुआ कि आरोपित जीजा-साले ने फैक्ट्री के लाइसेंस के लिए कभी ऑनलाइन आवेदन नहीं किया था.
करोड़ों का माल कराया जाएगा नष्ट: पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री से जब्त माल बाद में कोर्ट के आदेश पर नष्ट कराया जाएगा. पुलिस को छानबीन में पता चला कि आरोपियों के पास दवाओं के आर्डर आए हुए थे. कई व्यापारियों ने आरोपियों को एडवांस में भुगतान भी कर दिया था.