Noida: पुलिस ने हनीट्रैप में फंसाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया

"तीन माह से सक्रिय था गिरोह"

Update: 2024-12-27 08:56 GMT

नोएडा: हनी ट्रैप में फंसाने के बाद धमकी देकर जबरन वसूली करने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपियों के पास से 70 हजार रुपये की नकदी, पांच मोबाइल और घटना में शामिल क्रेटा कार बरामद हुई है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्ती करने के बाद दुष्कर्म और छेड़खानी जैसे मामलों में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली करते थे।

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 23 नवंबर को गिरोह के सदस्यों ने झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर एक व्यक्ति से दो लाख 40 हजार रुपये की वसूली की। इसके बाद एक लाख रुपये की मांग की गई तो पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से की। आरोपियों ने पीड़ित से दो हजार रुपये नकद, जबकि दो लाख 38 हजार रुपये की रकम ऑनलाइन ली थी। इस ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के सहारे पुलिस आरोपियों तक पहुंची।

आरोपियों की पहचान लालू यादव ,अंजली बैंसला, अंकित कुमार, ललित और सोनिया के रूप में हुई । सभी आरोपी दिल्ली और नोएडा के अलग-अलग क्षेत्र में किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं। वे तीन माह पहले ही शहर में सक्रिय हुए थे। नोएडा के अलावा एनसीआर के अन्य शहरों में भी आरोपियों ने वसूली करने की बात कबूली है। अबतक आरोपियों द्वारा 30 से अधिक लोगों के साथ ठगी करने की जानकारी मिली है। गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

डेटिंग के भी रुपये लेते थे: बदनामी के डर से ज्यादातर मामलों में आरोपी किसी से इसकी शिकायत भी नहीं कर पाता है। युवती डेटिंग करने के लिए भी पांच से दस हजार रुपये लेती है। आरोपियों ने इंटरनेट पर मीट रियल गर्ल्स दिल्ली के नाम से सर्च होने वाले लिंक पर अपनी डिटेल को अपडेट किया था। जानकारी के अनुसार ज्यादातर टारगेट के पास लालू अपनी प्रेमिका अंजलि को भेजा करता था। जहां पहुंचने के बाद वह कार में बैठ जाती थी और पहली पेमेंट ले ली जाती थी। इस बीच गैंग के दूसरे लोग कार में आ जाते थे और टारगेट को ब्लैकमेल करते थे।

लोगों को ऐसे फंसाते थे जाल में: गिरोह के सदस्य इंटरनेट पर विभिन्न डेटिंग ऐप और लिंक पर जुड़े हुए हैं। जब कोई नया युवक या व्यक्ति इससे जुड़ता तो आरोपी सक्रिय हो जाते। नए सदस्य के पास एक व्हाट्सऐप कॉल करते। कुछ युवतियों और महिलाओं की तस्वीरें भेजी जाती थीं। इसके बाद महिलाओं के कॉल आने लगते। वे युवक से दोस्ती करने के बाद अकेले मिलने की इच्छा जाहिर करती थी। एकांत में बुलाकर महिला अपनी एक अन्य महिला साथी के युवक की कार में बैठ जाती। गिरोह के अन्य सदस्य भी कार में बैठ जाते दुष्कर्म और छेड़खानी के केस में फंसाने की धमकी देकर पैसे की मांग करते थे।

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