Varanasi: अब दिल ही नहीं दिमाग भी पेसमेकर से कंट्रोल होगा
"पेसमेकर से कंट्रोल होगा दिमाग"
वाराणसी: बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में पहली बार पार्किंसन के मरीज का डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) सर्जरी हुई। चिकित्सकों का दावा है कि पूर्वांचल में पहली बार इस तरह की सर्जरी हुई है। चिकित्सकों ने बताया कि अब दिल ही नहीं दिमाग भी पेसमेकर से कंट्रोल होगा।
विभाग की प्रो. दीपिका जोशी, डॉ. आनंद कुमार, डॉ. नित्यानंद पांडे, ग्लोबल हॉस्पिटल्स मुंबई से कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. नरेन नाइक और एनेस्थीसिया से प्रोफेसर आरके दुबे ने सर्जरी किया। करीब सात से आठ घंटे तक सर्जरी की प्रकिया चली।
डॉ. दीपिका जोशी ने बताया कि डीबीएस एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें न्यूरोसर्जन मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में विद्युत संकेतों को भेजने के लिए न्यूरोस्टिमुलेटर नामक एक चिकित्सा उपकरण प्रत्यारोपित करता है। यह तकनीक पार्किंसन रोग, आवश्यक कंपन और डिस्टोनिया सहित कई न्यूरोलॉजिकल विकारों के इलाज में अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है। इसमें प्रो. वीएन मिश्रा, प्रो.आरएन चौरसिया, प्रो. अभिषेक पाठक का भी सहयोग रहा।
क्या है डीबीएस तकनीक: डॉक्टरों ने बताया कि डीबीएस एक मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है, जो मूवमेंट यानी गति को नियंत्रित करने के लिए मस्तिष्क के विशिष्ट भागों को टारगेट करती है। इसमें एक छोटा पेसमेकर छाती में प्रत्यारोपित किया जाता है और इलेक्ट्रोड के जरिए से उसकी इलेक्ट्रिक पल्स को दिमाग में भेजा जाता है, जो असामान्य गतिविधि को नियंत्रित करता है और कंपन और अन्य मूवमेंट डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करता है।