नए आरक्षण के बाद कई उम्मीदवारों की हसरतें धड़ाम, मुस्लिम बाहुल्य वार्ड प्रभावित

Update: 2022-12-04 07:12 GMT

मेरठ न्यूज़: नगर निगम के वार्ड आरक्षण चार्ट में भारी बदलाव होने के बाद कई नेताओं की हसरतें धड़ाम हो गई है। सबसे ज्यादा मुस्लिम बाहुल्य वार्ड प्रभावित हुए हैं। इन्हीं वार्डों में चुनाव लड़ने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी थी। स्थिति यह थी एक एक घर से दो दो लोग चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। श्याम नगर, समर गार्डन, तारापुरी, भूमिया का पुल, गुलजार ए इब्राहिम, गोला कुआं, इस्लामाबाद, किदवई नगर और मजीद नगर में चुनाव लड़ने के लिए सबसे ज्यादा आपाधापी मची हुई थी। यहां पर अब से लगभग दो महीना पूर्व ही दीवारों और सड़कों को पोस्टर और बैनर से पाट दिया गया था। बताते चलें कि वार्ड-1 से 8 तक एससी आरक्षण से मुक्त हो गया है। जबकि अनुसूचित जाति के वार्डों में भी काफी परिवर्तन देखने को मिला है।

मुस्लिम क्षेत्रों के अंतर्गत शहपीर गेट और पूर्व इलाही बक्श आरक्षित वार्ड घोषित हुए हैं। जबकि खैर नगर अनारक्षित वार्ड से ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन यह वार्ड महिला ओबीसी के लिए आरक्षित होने से उम्मीदवारों को धक्का लगा है। इसी तरह सराय बेहलीम महिला के लिए आरक्षित किया गया है। यहां भी कई पुरुष प्रत्याशी बनने की लाइन में लगे हुए थे। यह इलाका पूर्व मंत्री हाजी याकूब का क्षेत्र है जिसके चलते यहां खूब राजनीतिक हसरतें पलती है। दक्षिणी इस्लामाबाद का इलाका भी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।

यहां भी कई सामान्य वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने की चाह रखते थे। इसी प्रकार के जाकिर कॉलोनी के 3 वार्डों में से 2 वार्ड 85 एवं 87 पिछड़ा वर्ग तथा 86 महिला के लिए आरक्षित किया गया है। जाकिर कॉलोनी में भी कई सामान्य वर्ग के लोग चुनाव लड़ने के लिए लाइन में लगे हुए थे।

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