प्रधान अमिता यादव और उनके प्रधानपति को भड़काने पर होगी कार्यवाही
कार्यालय में खुद उपस्थित होकर बताना होगा कि उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए.
कानपूर: ककवन ब्लॉक की कसिगंवा ग्राम पंचायत की प्रधान अमिता यादव और उनके प्रधानपति को विकास कार्य के नाम पर सियासत महंगी पड़ सकती है. 9 फरवरी को गांव में लगे मतदान के बहिष्कार के बैनर-पोस्टर को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जांच में पता चला कि ग्राम प्रधान अमिता यादव ने ग्रामीणों को सही जानकारी ने देकर गुमराह किया है. जिलाधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. दिन के भीतर उन्हें जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में खुद उपस्थित होकर बताना होगा कि उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए.
थानाध्यक्ष ककवन के मुताबिक उन्होंने उच्चाधिकारियों को लिखित रूप से मामले की सूचना दी थी. ग्रामीणों का कहना था कि पानी की टंकी और पुल बनाने का आश्वासन मिला पर बनाया नहीं गया. जांच जिला पंचायत राज अधिकारी कौशल किशोर ने की. जांच में पाया गया कि पानी की टंकी का निर्माण कार्य में ओवर हेड टैंक का काम 60 प्रतिशत, बाउंड्रीवॉल का 90 प्रतिशत, पाइप लाइन बिछाने का 80 फीसदी, पंप हाउस बनाने का 10 फीसदी और बोरवेल का काम पूरा हो गया है. पांडव नदी पर 10 करोड़ से 85 मीटर लंबा पुल बनाने की कवायद शुरू हो गई है. ग्रामीणों को भड़काकर गंभीर प्रकृति के कृत्य को करने व इसे दोहराने में ग्रामीणों से ज्यादा प्रधान और उनके पति दोषी हैं. वहीं बिजनौर मामले में हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि प्रधानपति एवं प्रतिनिधि कोई पत्राचार या कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. जिला पंचायत राज विभाग अवगत भी करा चुका है. बावजूद इसके ग्रामीणों के मांग पत्र पर कसिगंवा की प्रधान के पति जगत सिंह यादव ने मांग पत्र पर दस्तखत किए थे, जो हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना भी है.
निर्वाचन कार्यों में बाधा डालने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है. स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद जिलाधिकारी स्तर से आगे की कार्रवाई की जाएगी. -कौशल किशोर, डीपीआरओ