आवारा कुत्तों के झुंड ने 6 साल की बच्ची पर किया हमला, हालत नाज़ुक देखें वीडियो
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अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में 9 मार्च को एक 5 वर्षीया लड़की पर उसके घर के बाहर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। लड़की 7 मिनट तक आवारा कुत्तों के बीच जीवन और मौत के बीच जूझती रही। बेखौफ आवारा कुत्ते हुए उसे घसीटते हुए ले जा रहे थे। वह तो बच्ची की चीख ने स्थानीय लोगों का ध्यान उसकी तरफ खींच लिया। जब लोगों ने कुत्तों को दौड़ाया, तब जाकर बच्ची की जान बची। यह घटना दिल्ली हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के बाद सामने आई है, जिसमें कहा गया था कि आवारा कुत्ते एक खतरा बनते जा रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन घटनाओं को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
इस घटना के सामने आए CCTV फुटेज के मुताबिक आवारा कुत्तों का एक झुंड लड़की का पीछा कर रहा था। डरी लड़की भागते समय पैर फिसलने से जमीन पर गिर गई। आवारा कुत्तों का झुंड बच्ची का पैर मुंह से दबाकर घसीटते हुए ले जा रहे थे। स्थानीय लोगों की नजर पड़ी तो वह बच्ची को बचाने के लिए दौड़े। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि शहर के नगर कोतवाली इलाके में कुत्ते पहले भी कई लोगों पर हमला कर चुके हैं।
इससे पहले एक अन्य घटना में, दिल्ली में एक 7 वर्षीय लड़की को उसके पड़ोसी के पिटबुल कुत्ते ने काट लिया और घसीटा। दिल्ली के जगतपुरी पुलिस स्टेशन को एक महिला का फोन आया जिसने अपनी बेटी पर कुत्ते के हमले की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। उन्हें लड़की के शरीर पर काटने के निशान मिले और उसे हेडगेवार अस्पताल भेजा गया। पीड़िता की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने कुत्ते के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि उस पर आईपीसी की धारा 289 और 337 के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के साथ-साथ शहर सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया है। जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। अदालत ने कहा है, "समस्या यह है कि लोग वैन में आ रहे हैं और कुत्तों को खाना खिला रहे हैं। इस वजह से कुत्ते बहुत अधिक हो गए हैं। समूह में वे किसी पर भी हमला कर देते हैं। वे पैदल चलने वालों के लिए खतरा बन रहे हैं।" इसके अलावा, इसमें कहा गया है, "आवारा जानवरों को खाना खिलाना अच्छा हो सकता है, लेकिन आप उन्हें जाकर खाना खिलाकर, अपना खाना ढूंढने की उनकी क्षमता छीन रहे हैं। उनके पास करने के लिए और कुछ नहीं है।"