Ramashankar Rajbhar को 14सूत्रीय तात्कालिक और 8सूत्रीय नीतिगत मांगों का ज्ञापन सौंपा गया

Update: 2024-07-18 14:22 GMT
Deoria देवरिया। संयुक्त किसान मोर्चा, देवरिया के तत्वाधान में अखिल भारतीय किसान सभा,उ.प्र.किसान सभा, चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान सभा, खेत मजदूर-किसान मंच,समान शिक्षा आंदोलन उ.प्र.आदि ने सलेमपुर सांसद रमाशंकर राजभर को 14सूत्रीय तात्कालिक और 8सूत्रीय नीतिगत मांगों का ज्ञापन सौंपा। वक्ताओं ने सांसद महोदय को बधाई देते हुए कहा कि किसानों और खेत मजदूरों के पक्ष में खड़े रहकर प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल पर लंबित ज्वलंत मांगों पर तत्काल और सार्थक कार्रवाई करने का दबाव डालें।
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को यह समझना चाहिए कि सत्तारूढ़ गठबंधन को पांच राज्यों में 38 ग्रामीण लोक सभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है जहां किसान आंदोलन मजबूत था। पूरे ग्रामीण भारत में सत्तारूढ़ गठबंधन ने 159 सीटें खो दी हैं। यह लंबे चले आ रहे कृषि संकट का परिणाम है और यह भविष्य में कृषि नीतियों में बड़े बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
एनडीए-2 सरकार को एसकेएम और केन्द्र सरकार के बीच 9 दिसंबर 2021 को हुए समझौते के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया, जिसमें हमारी लंबे समय से लंबित मांग जैसे कि लाभकारी और गारंटीकृत एमएसपी के साथ खरीद, व्यापक ऋण माफी, बिजली के निजीकरण को निरस्त करना आदि शामिल हैं। 736 शहीदों के सर्वोच्च बलिदान और 384 दिनों - 26 नवंबर 2020 से 11 दिसंबर 2021 तक दिल्ली की सीमाओं पर लगातार और उग्र संघर्ष में भाग लेने वाले लाखों किसानों की पीड़ा की पृष्ठभूमि में, इस समझौते पर भारत सरकार के कृषि विभाग के सचिव ने हस्ताक्षर किए ।
वर्तमान में भारत के मेहनतकश नागरिक व्यापक ऋणग्रस्तता, बेरोजगारी और महंगाई जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। भारत में प्रतिदिन 31 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। तीव्र कृषि संकट, किसानों की आत्महत्या, ग्रामीण से शहरी संकट पलायन और बढ़ती आय और धन असमानता को हल करने के लिए नीतियों में बदलाव आवश्यक है। इसलिए, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों में बदलाव, 9 दिसंबर 2021 के समझौते को लागू करने, और अन्य प्रमुख मांग, जिन्हें मांग पत्र के रूप में संलग्न किया गया है, को लेकर आंदोलन को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है।
ज्ञापन सौंपने वाले किसान मजदूर नेताओं में अ.भा.किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव का. साधुशरण, चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति के ब्रजेंद्र मणि त्रिपाठी,उ.प्र.किसान सभी के प्रदेश सचिव आनंद चौरसिया,समान शिक्षा आंदोलन उ.प्र. के डा.चतुरानन ओझा, भारतीय किसान यूनियन पूर्वी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष विनय सिंह सैथवार,पं.वेदप्रकाश, गिरीश नारायण शाही, जिलाध्यक्ष (भाकियू), क्रांतिकारी किसान सभा के अध्यक्ष विकास दुबे, खेत मजदूर किसान मंच के राजेश आज़ाद, कामरेड रमाशंकर गुप्ता आदि रहे।
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