हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने तदर्थ डॉक्टरों की पेंशन मामले में सरकार की अपील खारिज की
राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने आयुष विभाग से सेवानिवृत्त डॉक्टर की तदर्थ सेवा जोड़कर फुल पेंशन निर्धारित करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा सेवानिवृत्ति के समय के नियम लागू होंगे, संशोधित भूतलक्षी नियमावली से किसी के कानूनी अधिकार नहीं छीने जा सकते. कोर्ट ने एकल पीठ के तदर्थ सेवा जोड़कर फुल पेंशन देने के फैसले को सही माना और मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसक्यूएच रिजवी की खंडपीठ ने दिया है. अपील का महेंद्र सिंह व दो अन्य डॉक्टरों के अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने प्रतिवाद किया. याची डॉक्टरों की तदर्थ नियुक्ति 18 जून 1988 को आयुष विभाग में हुई थी. 16 05 को उन्हें नियमित किया गया. सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने तदर्थ सेवा जोड़कर पेंशन निर्धारित करने की अर्जी दी, जिसे यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया. एकल पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए तदर्थ सेवा जोड़कर पूरी पेंशन देने का निर्देश दिया था, जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गई थी.