लखनऊ में 35 नस्लों का कारोबार कर रहे कुत्तों के 400 ब्रीडर

पिटबुल जैसे खुंखार कुत्ते को घर में पालने वाली महिला की मौत के बाद घरों में कुत्तों की लोकप्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

Update: 2022-07-16 06:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुत्तों के भोजन, कास्मेटिक्स, एक्सेसरीज, ट्रेनर, दवाइयों का एक बड़ा बाजार है। एक अनुमान के मुताबिक यह बाजार तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिमाह पांच से सात करोड़ रुपये का कारोबार है। इसमें साबुन-तेल भी शामिल

पिटबुल जैसे खुंखार कुत्ते को घर में पालने वाली महिला की मौत के बाद घरों में कुत्तों की लोकप्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में लखनऊ के लेफ्टिनेंट कर्नल यूपी सिंह के बच्चों की जिद पर लासा एप्सो नस्ल के एक कुत्ते का बच्चा 15 हजार का खरीदकर लाए। पांच हजार का चिकन-राइज पीडिग्री का पैकेट, 2200 रुपये का सप्लीमेंट, 800 रुपये की चेन, 1200 के शैम्पू, साबुन और तेल भी खरीदे, जैसे-जैसे लासा एप्सो बड़ा होगा, खर्च भी बढ़ेगा। सिर्फ यूपी सिंह ही नहीं, लखनऊ में पांच लाख से अधिक लोग कुत्तों के शौकीन है। यही कारण है कि कुत्तों और भोजन, कास्मेटिक्स, एक्सेसरीज, ट्रेनर, दवाइयों का एक बड़ा बाजार है। एक अनुमान के मुताबिक यह बाजार तेजी से बढ़ रहा है। प्रतिमाह पांच से सात करोड़ रुपये का कारोबार है।
लखनऊ में तमाम लोग ट्रेनर रखते हैं। लखनऊ में करीब 70 ट्रेनर हैं। एक ट्रेनर प्रतिमाह 5-6 हजार रुपये लेता है ट्रेनिंग के लिए। सबसे बुजुर्ग और पुराने ट्रेनर इंदिरानगर के इकबाल ने बताया कि कुत्तों को ठीक वैसे ट्रेनिंग दी जाती है, जैसे कोच खिलाड़ी को देता है। कुत्तों को इतना दौड़ाना और व्यायाम कराना चाहिए कि वे थक जाएं। इससे वे आक्रामक नहीं होते। अब पालतू कुत्तों को व्यायाम के नाम पर बार दो-तीन मीटर टहलाया ही जाता है।
100 दुकानें शहर में कुत्तों से जुड़े सामान की हैं। वहीं 400 ब्रीडर हैं देसी-विदेशी नस्ल के लखनऊ में। कुत्तों के इलाज के लिए 60 डॉक्टर हैं। हर हफ्ते शहर में 250 कुत्ते बिक जाते हैं। कुत्तों को वजन के हिसाब से भी खाना खिलाया जाता है जो बाजारों में कई फ्लेवर में मिलता है।
कुत्तों के लिए शैंपू-साबुन भी
कुत्तों के लिए शैंपू-साबुन, तेल का भी बड़ा बाजार है। कीड़े मारने, त्वचा रोगों के लिए खूशबू वाले तेल, कंघी और बाथटब बाजार में मिलते हैं।
कुत्तों के लिए भी जंक फूड-सप्लीमेंट
पशुप्रेमी अनुराग के मुताबिक अब कई भोजन मिलते हैं। कुत्तों की उम्र के हिसाब से दिया जाता है। चिकन-राइस, मीट, मटन-चिकन जैसी पीडिग्री आता है, जो 150-1000 रुपये में उपलब्ध हैं।
एक लाख रुपये तक में कुत्ते के बच्चे उपलब्ध
लखनऊ में 400 ब्रीडर हैं, जो आसपास के जिलों तक आपूर्ति करते हैं। इनमें चालीस के पास कैनल क्लब ऑफ इण्डिया का प्रमाण पत्र है। ये 35 नस्लों का कारोबार करते हैं। ग्रेट डेन करीब एक लाख तक मिलता है।
दवाइयां और वैक्सीनेशन
कुत्तों के लिए दवाइयां भी हैं, हर साल वैक्सीनेशन कराना पड़ता है। सेवन इन वन, सेवन इन नाइन वैक्सीन लगती है। रेबीज इंजेक्शन भी लगवाना पड़ता है। बाल झड़ने से रोकने की दवा, आंख-कान सफाई किट भी है।
चमड़े और चांदी की चेन
छोटी नस्ल के कुत्तों के लिए चांदी की जंजीर भी बाजार में मौजूद है। एक से एक रंगबिरंगी लीस, हार्डनेस कॉलर, कॉलर भी हैं। इनकी चेन, लीस की कीमत 10 हजार तक है। जूते-मोजे और बारिश के लिए रेनकोट भी हैें।

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