गंगा में डूबे तीन युवकों का हुआ पोस्टमार्टम, सांसद साक्षी महाराज ने घटना पर जताया आक्रोश
उन्नाव। शुक्रवार की दोपहर माखी थाना क्षेत्र के माखी गांव में गणेश उत्सव की खुशियां मातम में बदल गई थीं। गांव के लोगों ने पूरे गाजे-बाजे के साथ गणेश प्रतिमा की स्थापना की थी। लेकिन परियर घाट पर विसर्जन के बाद तीन मासूम बच्चों के डूबने से मौत के बाद से चीख-पुकार मच गई थी। मौत की सूचना पर गांव में गम का माहौल हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
आज उन्नाव के जिला अस्पताल में तीनों का पोस्टमार्टम किया गया इस दौरान मौके पर जिला प्रशासन समेत भारी पुलिस बल तैनात रहा। एसडीम सदर ने बताया प्रशाशन मृतकों के परिजनों के साथ है हरसंभव मदद की जाएगी फिलहाल मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी । वहीं मौके पर पहुंचे सांसद साक्षी महाराज ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है और घटना का मुख्य कारण बालू खनन बताया है जिला प्रशासन को खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।
घटना में ग्रामीणों की माने तो बच्चे विसर्जन के बाद नहाते नहाते कमर तक पानी में चले गए लेकिन अचानक बड़ी खाहीं जैसी जगह पर पहुंच गए उन्हें पता नहीं चला और वह डूबने लगे कुछ गोताखोरों द्वारा उन्हें बचा लिया गया लेकिन तीन की मौत हो गई है।
क्या बोले सांसद साक्षी महाराज
घटना पर साक्षी महाराज ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह नितांत सत्य है की घटना खनन के कारण हुई है मैंने कई बार इस मुद्दे को उठाया माननीय मुख्यमंत्री को प्रत्यक्ष रूप से अप्रत्यक्ष रूप से गोपनीय रूप से पत्र मैंने लिखा है। स्वयं वहां छापा भी डाला है और छापे के आधार पर मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में यहां कमेटी भी गठित की गई थी कि कार्रवाई होगी माफियाओं के ऊपर।
लेकिन वह कार्यवाही आज तक नहीं हुई ढाक के तीन पात के तीन पात ही रहे यहां आने से पहले मैंने जिलाधिकारी महोदय से बात की कि खनन माफियाओं के खिलाफ 307 की कार्रवाई होनी चाहिए और जो पीड़ित पक्ष है उनका जो भी सहयोग शासन प्रशासन की तरफ से मिल सके वह किया जाना चाहिए।
जितना खनन उन्नाव में खनन माफियाओं के द्वारा किया गया है गंगा की गोद को खाली किया गया है उसी का दुष्परिणाम आज हमें देखने को मिला है मैंने पहले भी आशंका को बताया था कि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसके कारण पुल गिर सकता है लोग डूब कर मर भी सकते हैं लेकिन उसके बाद भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।