योगी के आगमन से पूर्व ही गंगा घाट पर घूमते दिखाई दिए मगरमच्छ

Update: 2023-07-19 12:01 GMT

मोरना। बाढ़ के बीच परेशान हुए जंगली जानवर अपने आशियाने की तलाश में भटक रहे हैं। मंगलवार को विशालकाय मादा मगरमच्छ ने गंगा घाट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। विशालकाय मगरमच्छ को देखकर ग्रामीणों में भगदड़ मच गयी। वहीं वन विभाग ने मगरमच्छ के परिवार का रेस्क्यू कर सुरक्षा प्रदान की है।

शुकतीर्थ स्थित वी आई पी घाट व नक्षत्र वाटिका के मध्य गंगा किनारे मादा मगरमच्छ को देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गये। वहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गयी। विशालकाय मादा मगरमच्छ के साथ उसके नन्हे बच्चे भी मौजूद थे। मादा मगरमच्छ के साथ उसके बच्चों भी घाट पर टहलते दिखाई पड़े।

मगरमच्छ के परिवार को देखने के लिये कुछ ही देर में ग्रामीणों की भारी भीड़ वहां उमड़ पड़ी, जिसके बाद मादा मगरमच्छ गंगा के पानी मे चली गयी। वीआईपी घाट पर मगरमच्छ की उपस्थिति से ग्रामीण भयभीत हो गये हैं। गंगा घाट पर मगरमच्छ की मौजूदगी की सूचना के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान करना बन्द कर दिया। वहीं सोशल मीडिया पर मगरमच्छ व उसके परिवार का वीडियो वायरल होने के बाद सनसनी फैल गयी है।

आगामी 22 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री के शुकतीर्थ के आगमन की सूचना को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंगा की मुख्यधारा को लाने के बाद गंगा घाट पर मां गंगा के पवित्र जल का आचमन करेंगे। इस दौरान भारी भीड़ गंगा घाट पर उपस्थित रहने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा अथवा मगरमच्छ के परिवार की सुरक्षा दोनों को लेकर प्रशासन की जि़म्मेदारी बढ़ गयी है।

मोरना रेंज के वन क्षेत्राधिकारी कुलदीप सिंह ने जानकारी देकर बताया कि गंगा किनारे मादा मगरमछ व उसकी फेमिली होने की सूचना मिली थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए मगरमच्छ के लगभग 14 बच्चों का रेस्क्यू किया गया उनको नेचुरल हेबिटेट पर सुरक्षित पहुँचाया गया है। अपनी प्रवृत्ति के अनुसार मादा मगरमच्छ ने सूखे रेतीले स्थान पर अंडे दिये हैं।

निषेचित अंडों से बाहर हुए बच्चों को मादा मगरमच्छ अपनी पीठ पर बैठाकर ले जाती है। किसी कारण उन्हें साथ ले जाने में देर हो गयी होगी। अभी लगभग सात या आठ अण्डे रेत में छिपे हुए सुरक्षित हैं। यह वन्य प्राणियों के लिये सुरक्षित सेन्चुरी क्षेत्र है। वन्य प्राणियों के लिये सुरक्षित स्थान पर मादा मगरमच्छ व उसके परिवार तथा अंडों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये चार कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी है।

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