NCMC ने सिक्किम में बादल फटने की स्थिति की समीक्षा की, सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बुधवार को सिक्किम में बादल फटने के बाद की स्थिति की समीक्षा की और पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए सिक्किम के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को राज्य की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी दी।
केंद्रीय एजेंसियों और सिक्किम सरकार के राहत और बचाव उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने कहा कि चुंगथांग बांध की सुरंग में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा सकता है।
गौबा ने आगे कहा कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें तैनात की जानी चाहिए और कम से कम समय में सड़क, दूरसंचार और बिजली बहाल की जानी चाहिए।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव ने सिक्किम सरकार को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
मुख्य सचिव ने समिति को राहत और बचाव उपाय करने में राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
केंद्रीय गृह सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर स्थिति पर 24x7 नजर रखी जा रही है और हर संभव मदद दी जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीमें तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीमें गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बचाव और बहाली प्रयासों में राज्य की सहायता के लिए सेना और वायु सेना की पर्याप्त संख्या में टीमों और संसाधनों को तैनात किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी बेसिन में बाढ़ आ गई, जिससे कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 23 सेना कर्मियों सहित 49 अन्य लापता हो गए।
उन्होंने बताया कि मृतकों में से तीन उत्तरी बंगाल में बह गए।
अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई।