रामशंकर कठेरिया को राहत, नहीं जाएगी सांसदी, सजा पर लगा रोक

Update: 2023-08-07 11:04 GMT
यूपी के इटावा से लोकसभा सांसद रामशंकर कठेरिया को एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने दो वर्ष का कारावास और 50 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई थी. जिसके बाद उनपर सांसदी जाने का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन अब उन्हें जिला अदालत से राहत मिल गई है. आगरा जिला अदालत ने कठेरिया की सजा पर रोक लगा दी है. साथ ही जुर्माने की राशि भी कम कर दी गई है.
दरअसल, आगरा में टोरेंट अधिकारी से मारपीट और बलवा करने के मामले में बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया दोषी पाए गए. निचली अदालत ने उन्हें 2 साल कारवास की सजा सुनाई थी. इस मामले में बीजेपी सांसद ने जिला जज आगरा के कोर्ट में अपील दायर की थी, जहां से उन्हें राहत मिल गई है. अदालत ने 2 साल की सजा का आदेश अगली सुनवाई तक निलंबित कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर मुकर्रर की गई है.
ये मामला हरीपर्वत थाना क्षेत्र के साकेत मॉल का है. यहां स्थित टोरेंट के सतर्कता कार्यालय (विद्युत चोरी निवारण कार्यालय) पर 16 नवंबर 2011 को पूर्व एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष और वर्तमान में इटावा से बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया पहुंचे. उनके साथ करीब 10-15 समर्थक थे. यहां पर मैनेजर भावेश रसिकलाल शाह बिजली चोरी से संबंधित मामलों की सुनवाई और निस्तारण कर रहे थे. इसी दौरान सांसद रामशंकर कठेरिया के साथ आए समर्थकों नें भावेश रसिकलाल शाह के कार्यालय में घुसकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. मारपीट में उन्हें काफी चोटें आईं.
इसके बाद भावेश की तहरीर पर सांसद और उनके अज्ञात समर्थकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 और 323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद के खिलाफ चार्जशीट पेश की. मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई के दौरान चार्जशीट, वकील की ओर से पेश किए सबूतों के आधार पर सांसद रामशंकर कठेरिया को धारा 147, 323 के तहत दोषी पाया. कोर्ट ने सांसद को 2 वर्ष करावास की सजा सुनाई थी और 50 हजार का जुर्माना लगाया था.
 रामशंकर कठेरिया को राहत, नहीं जाएगी सांसदी, सजा पर लगा रोकजिला कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद 2 साल की सजा पर तत्काल रोक लगा दी. साथ ही जुर्माने की राशि भी घटा दी. इटावा सांसद के खिलाफ सुनवाई करते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश ने 20 हजाा रुपये जुर्माने का ऐलान किया है. जिला कोर्ट की ओर से राहत मिलने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा टल गया है. जिला कोर्ट की ओर से सजा के बिंदु पर फैसला आने के बाद इस मसले पर निर्णय होगा.
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