कोटा: शिक्षा की छोटी काशी के पर्यटन नगरी के रूप में विकसित होने के साथ ही यहां हवाई सेवा की आवश्यकता महसूस की जाएगी। इसे देखते हुए कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। जिस पर करीब तीन माह से मृदा जांच का काम किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य अगले साल शुरू होने की संभावना है। कोटा शहर के विकास व विस्तार के साथ ही यह स्मार्ट सिटी और पर्यटन नगरी के रूप में भी अपनी पहचान बनाने वाला है। जिस तरह के निर्माण कार्य यहां करवाए जा रहे हैं। उससे देश भर से ही नहीं विदेशों तक के पर्यटकों के आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में विदेशी पर्यटकों को कोटा लाने के लिए हवाई सेवा आवश्यक रहेगी। अभी तक कोटा से नियमित हवाई सेवा नहीं होने से अधिकतर लोगों को पहले दिल्ली या जयपुर तक आना-जाना पड़ रहा है। वहां से सड़क मार्ग या रेल मार्ग से कोटा आना होता है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए कोटा में नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है। शम्भूपुरा में इसके लिए 1250 एकड़ जमीन राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट अथोरिटी आॅफ इंडिया को दे दी गई है। एयरपोर्ट अथोरिटी आॅल इंडिया के निर्देशन में गठित कम्पनी ने एयरपोर्ट की प्रस्तावित जमीन का सर्वे कार्य तो पूरा कर लिया है। वर्तमान में उस भूमि पर मृदा जांच के लिए सैम्पल लेने का काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार मार्च के पहले सप्ताह में यह काम शुरू किया गया था। करीब तीन माह से चल रहे इस काम के करीब एक सप्ताह में पूरा होने की संभावना है। करीब 7 सदस्यीय टीम दो मशीनों से पूरी भूमि पर 4 से 5 मीटर गहरे गड्ढ़े खोदकर सैम्पल ले रही है। उस सैम्पल की प्रयोगशाला में जांच होगी। उस मृदा परीक्षण की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही भवन निर्माण व रनवे निर्माण का कार्य किया जाएगा।
डायवर्जन हुआ, आधी राशि भी जमा: एयरपोर्ट की प्रस्तावित 1250 एकड़ भूमि में से 466 हैक्टेयर भूमि वन विभाग की है और 33.4 हैक्टेयर भूमि नगर विकास न्यास की है। वन विभाग की भूृमि के डायवर्जन का मामला काफी समय से लम्बित चल रहा था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से करीब 6 माह पहले दिसम्बर 2022 में केन्द्रीय वन एयं पर्यावरण मंत्रालय ने वन विभाग की भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति भी जारी कर दी है। भूमि डायवर्जन की एवज में रा’य सरकार द्वारा वन विभाग को करीब 45 करोड़ रुपए जमा करवाने हैं। जिसमें से पहली किश्त के करीब 22 करोड़ रुपए नगर विकास न्यास द्वारा जमा भी करवा दिए गए हैं। न्यास अधिकारियों के अनुसार डायवर्जन की पूरी राशि जमा होने के साथ ही वन विभाग व न्यास की भूमि को एयरपोर्ट अथोरिटी आॅफ इंडिया के नाम हस्तांतरित कर दी जाएगी।
निर्माण के लिए 120.80 करोड़ रुपए स्वीकृत: शम्भूपुरा में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 120.80 करोड़ रुपए स्वीकृत भी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगले साल शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और एयरपोर्ट के अधिकारी नियमित रूप से प्रस्तावित भूमि पर चल रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि कोटा में एयरपोर्ट की मांग काफी समय से की जा रही है। इसके लिए पूर्व में कई आंदोलन भी किए गए। जिस तरह से कोटा में हर तरह की सुविधा मिलने लगी है। उसमें सिर्फ एयरपोर्ट की सुविधा की आवश्यकता है। हालांकि केन्द्र स्तर पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्य स्तर पर स्वायत्त शासन मंत्री इसके लिए प्रयासरत हैं। कोटा में एयरपोर्ट बनने से यहां उद्योग व व्यापार जगत के साथ ही कोचिंग उद्योग को भी चार चांद लगेंगे।