सीकर दशलक्षण पर्व के चतुर्थ दिवस पर उत्तम तप धर्म का पालन होता
उत्तम तप धर्म का पालन होता
राजस्थान: दशलक्षण पर्व के सातवें दिनसोमवार को जैन धर्मावलंबियों नेउत्तम तप दिवस मनाया। इस धर्मके पालन का संकल्प लिया। इसदौरान समस्त जिनालयों में विधानोंका आयोजन किया गया। जैन धर्मअनुसार 12 प्रकार का तप मानागया है।
इस अवसर पर दीवान जी कीनसियां में मंगल प्रवचन करते हुएब्रह्मचारिणी बबीता दीदी ने तप कामहत्व बताते हुए कहा कि अधिकगुण वालों के प्रति विनम्रता काभाव होना ही तप है। जिस प्रकारसोने को तपाकर आभूषण बनाएजाते हैं, उसी प्रकार तप के माध्यमसे आत्मा को परमात्मा बनायाजाता है। आत्मा से परमात्मा बननेकी प्रक्रिया तप है।
बड़ा मंदिरकमेटी के संतोष बिनायक्या वअभिनव सेठी ने बताया कि बड़ामंदिर में शांतिधारा विपिन टोंग्या ,अनिल जैन व दंग की नसियां मेंशांतिधारा महावीर महालजीका,सुनील बिनायकया, अशोकअजमेरा परिवार की अगवानी मेंकार्यक्रम का आयोजन किया गया।देवीपुरा जैन मंदिर कमेटी के पदमपिराका व मंत्री पंकज दुधवा नेबताया मंदिर में शांतिधारा भागचंदनरेश कुमार कालिका परिवार द्वाराकी गई।