उदयपुर न्यूज: गिरफ्तार दलाल लोकेश जैन द्वारा यूडीएच अधिकारियों के नाम पर 12 लाख रुपये की रिश्वत लेने से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एसीबी सूत्रों के मुताबिक 10 साल में लोकेश 10 आईएएस, 15 आईपीएस और 40 आरएएस समेत 65 अफसरों के संपर्क में आया। इस लिस्ट में ऐसे भी नाम हैं, जो या तो यूआईटी में पदस्थ हैं या लंबे समय से उदयपुर में बसे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी हैं.
अपने काले धन को बाजार और जमीन में लगाने की जिम्मेदारी लोकेश की थी। जालसाजी के बाद लोकेश के घर की तलाशी में बरामद 150 फाइलों में से 24 फाइलें कांग्रेस के एक स्थानीय नेता के बेटे की हैं. कांग्रेस के इस नेता को रिसॉर्ट व्यवसायी के रूप में भी जाना जाता है।
भास्कर के सवाल के बावजूद एसीबी ने किसी का नाम नहीं बताया, लेकिन दलालों के इतने बड़े नेटवर्क को जानकर खुद एसीबी भी हैरान है। आपको बता दें कि एसीबी ने 9 मई को दलाल लोकेश जैन को यूआईटी के सामने 12 लाख रुपये रिश्वत के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. लोकेश के पकड़े जाने तक यूआईटी में करीब 7 दलाल सक्रिय थे, जो अधिकारियों व कर्मचारियों के कमरों में बैठकर फाइलों पर चर्चा किया करते थे.
प्राइवेट नौकरी करते-करते सीखे दलाली के गुर
एसीबी को जांच में यह भी पता चला है कि लोकेश दलाली से पहले एक बड़े प्रॉपर्टी डीलर के यहां काम करता था। यह प्रापर्टी डीलर तमाम बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के सीधे संपर्क में था, जो बड़े अधिकारियों के काले धन को जमीनों, रिसॉर्ट और होटलों में लगाया करते थे.
बदले में वह अधिकारियों को उनके द्वारा दिये गये धन के आधार पर शेयर निश्चित करता था। बजट बड़ा होने पर पार्टनरशिप में भी बिजनेस करते थे। इस प्रॉपर्टी डीलर के मैनेजर रहने के दौरान लोकेश बड़े अधिकारियों के संपर्क में आया। धीरे-धीरे उसने अपना नेटवर्क बना लिया।