शहरों में आवारा पशु्ओं से मिलेगी निजात
मंत्रिपरिषद में शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन करने का निर्णय लिया गया. साथ ही राज्य में गौशालाओं एवं नंदी शालाओं के सुचारू संचालन एवं उनके लिए चारागाह भूमि आवंटित कराने के भी निर्देश दिए गए। वहीं, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में आवारा पशुओं और गौवंश के रख-रखाव से संबंधित कार्यों को शामिल करने के बारे में भी निर्णय लिया गया।
युवाओं को मिलेगा मौका
मंत्रिमंडल में शारीरिक शिक्षा अध्यापक के पदों की भर्ती में अधिक से अधिक युवाओं को मौका देने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है। राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 में संशोधन करते हुए राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम (संशोधित तृतीय), 2021 के अनुसार अब शारीरिक शिक्षा अध्यापक पद के लिए योग्यता निर्धारण नए निर्णय हुए हैं। इसके तहत सी. पी. एड के साथ डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डी. पी. एड) एवं बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बी. पी. एड) को रखे जाने पर निर्णय हुआ है. बता दें कि राजस्थान में सीपीएड वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। सी. पी. एड के स्थान पर कक्षा 12वीं के बाद डी. पी. एड कोर्स संचालित है। शारीरिक शिक्षा अध्यापक का पद पे-मेट्रिक्स लेवल-10 का है. यह 100 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरा जाएगा।
सहायक प्रोग्रामर पद पदोन्नति से भरे जाएंगे
बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से भर्ती सूचना सहायकों, सहायक प्रोग्रामर को पदोन्नति देने के लिए अहम निर्णय लिया गया है। इसमें अब एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर (उप निदेशक) के 20 प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती और 80 प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है। अभी तक इस पद के लिए 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत ही पदोन्नति से भरा जा रहा था। इससे अनुभवी कार्मिकों को पदोन्नति मिलने के अवसर बढ़ेंगे. जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा। इसके लिए राजस्थान कम्प्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 के अनुसूची के बिंदु संख्या 4 के सेवा नियमों में संशोधन को स्वीकृति मिली है।बैठक में राजस्थान संस्कृत शिक्षा (महाविद्यालय शाखा) सेवा नियम 2022 के प्रारूप को मंत्रिमंडल की ओर से अनुमोदन प्राप्त हुआ है। प्रस्तावित सेवा नियम पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के बाद संस्कृत शिक्षा विभाग में महाविद्यालय संवर्ग के पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वादकरण की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। बता दें कि महाविद्यालय शाखा के प्रक्रियाधीन सेवा नियमों के अभाव में महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति और सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्णतया अवरूद्ध हो गई थी। इन समस्याओं के समाधान के लिए यूजीसी रेग्यूलेशन-2018 के मापदंडानुसार योग्यता, अनुभव आदि का निर्धारण कर नवीन सेवा नियम का प्रारूप तैयार किया गया है।