विशाल ग्लोब पर लगाए जा रहे देशों के मुखोटे, रिवर फ्रंट पर तैयार हो रहा एक विश्व

Update: 2023-03-13 14:28 GMT

कोटा: चम्बल नदी के किनारे निर्माणाधीन रिवर फ्रंट हैरीटेज के साथ-साथ यहां बनने वाले हर आकर्षण के लिए भी विशेष होगा। यहां बनाए गए विशाल ग्लोब पर विश्व के देशों की पहचान उनके प्रसिद्ध चेहरों के मुखोटों से होगी। चम्बल विर फ्रंट पर कोटा बैराज साइड के वर्ल्ड हैरीटेज घाट पर विश्व के कई देशों की 9 प्रसिद्ध धरोहर बनाई गई हैं। जिससे उन देशों की पहचान दर्शायी गई है। उन 9 धरोहरों में से भारत की एक शान लाल किला भी शामिल है। उस लाल किले के सामने विशाल ग्लोब बनाया गया है। इतना बड़ा ग्लोब तो देश विदेश में और भी जगहों पर हो सकता है। लेकिन इसकी जो विशेषता है वह शायद ही कहीं देखने को मिले। ग्लोब तो सभी ने देखे होंगे। छोटे से बड़ा तक ग्लोब देखा होगा जिसमें विश्व के देशों के नाम व नक् शे बने होते हैं। लेकिन रिवर फ्रंट पर बनाया गया ग्लोब अपने आप में खास है।

5 टन स्टेनलेस स्टील का है ग्लोब: ताज महल के सामने बना यह विशाल ग्लोब 10 मीटर व्यास का है। इसे स्टेनलेस स्टील के पाइपों से बनाया गया है। जिसमें करीब 5 टन स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है। इस कई भागों में बनाकर तैयार किया गया है। इस ग्लोब की विशेषता है कि इसमें देशी की पहचान उन देशों के प्रसिद्ध चेहरों से होगी। ग्लोब पर जो देश जिस जगह पर है वहां उस देश के प्रसिद्ध चेरहों के मुखोटे लगाए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक यहां सिर्फ एक ही देश न्यूजीलैंड के चेहरे लगाए गए हैं।

नौ धरोहर देखने को मिलेंगी: न्यास अधिकारियों के अनुसार इस ग्लोब को बनाने की थीम एक विश्व एक सपना रखी गई है। वर्ल्ड हैरीटज घाट पर जहां विश्व की 9 प्रसिद्ध धरोहर देखने को मिलेंगी। वहीं इस ग्लोब पर एक ही जगह पर पूरे विश्व को देखने का सपना भी लोगों का पूरा होगा। पूरा विश्व एक ही जगह थीम पर इस ग्लोब को बनाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ग्लोब को बनाने में करीब 4 से 5 महीने का समय लगा है। यह तो बनकर तैयार हो गया है अब इस पर पूरे विश्व के देशों के मुखौटे लगाने का काम किया जा रहा है।

पर्यटकों का आकर्षण, बच्चों को शिक्षा: सूत्रों के अनुसार इस तरह का ग्लोब शायद ही देश विदेश में कहीं होगा। संवत: यह अपने आप में पहला व अनोखा ग्लोब है। रिवर फ्रंट देखने आने वाले पर्यटकों के लिए जहां यह आकर्षण का केन्द्र होगा। वहीं युवाओं व बच्चों को उन देशों की जानकारी व शिक्षा परक भी होगा। 

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