राजस्थान विजन - 2030 के लिए पशुपालन तथा संबंधित विभागों की राज्य स्तरीय परामर्श बैठक

Update: 2023-09-11 11:21 GMT
राजस्थान वर्ष 2030 तक देश में अग्रणी राज्य बने इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विजन दस्तावेज - 2030 तैयार किया जा रहा है। इसी कडी में पशुपालन विभाग द्वारा सोमवार को पशुधन भवन में पशुपालन विभाग से जुड़े राज्य स्तरीय अधिकारियों की परामर्श बैठक आयोजित कि गई। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए।
प्रमुख शासन सचिव, पशुपालन विभाग श्री विकास सीताराम भाले ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संभाग एवं जिला स्तर पर पशुपालन से जुड़े सभी हितधारकों और अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए परामर्श बैठक का आयोजन किया जा चुका है। इन सुझावों को संकलित करने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी सुझावों को सम्मिलित कर मिशन दस्तावेज 2030 में शामिल किया जाएगा। यह दस्तावेज वर्ष 2030 में राजस्थान को नंबर एक प्रदेश बनाने हेतु बन रहे विजन दस्तावेज में संकलित करने के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। 2030 तक प्रदेश को नंबर 1 पर लाने के साथ साथ पशुपालन विभाग भी प्रदेश में नंबर 1 हो जाए ऐसे ज्यादा से ज्यादा सुझाव भिजवाने का निर्देश श्री भाले ने दिया।
विभाग की संयुक्त शासन सचिव श्रीमती कश्मी कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय ने हमें अपनी बात कहने का, अपने सुझाव देने का एक अवसर दिया है । हमें इस अवसर का लाभ लेकर अधिक से अधिक संख्या में अपने सुझाव विभाग को पहुंचाने चाहिए जिससे विभाग इन सुझावों को अपने मिशन 2030 दस्तावेज में शामिल कर सके। यह मिशन आम आदमी को नीति निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का एक सुनहरा अवसर देता है।
बैठक का संचालन करते हुए विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने कहा कि पशुपालन तथा अन्य संबंधित विभागों द्वारा 2 सितंबर से 8 सितंबर तक मैराथन अभियान चलाकर अधिकारीगण, विशेषज्ञों, प्रबुद्धजनों, हितधारकों और पशुपालकों से उनके सुझाव एव अपेक्षाएं लिखित, मौखिक और सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से आमंत्रित किए गए थे। इस अभियान में बहुत सारे सुझाव प्राप्त हुए हैं। बैठक में उन सुझावों पर चर्चा की गई और सभी को कल तक अधिक से अधिक सुझाव भेजने का आग्रह किया गया है। विभाग कल तक प्राप्त सुझावों को सार रूप में संकलित कर मिशन 2030 का विभागीय दस्तावेज तैयार करेगा।
बैठक में पशुओं के स्वास्थ्य, टीकाकरण, पशुपालकों के प्रशिक्षण, चारा डिपो खोलने, पशु आहार पर अनुदान, ग्राम पंचायत स्तर पर पशु चिकित्सा केंद्र खोलने, पंचायत समिति स्तर पर पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान खोलने तथा मेलांे की संख्या बढ़ाने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव आए। इनके अलावा पशुओं से जुड़ी समस्याओं और उनके निदान के लिए अलग से वेब पोर्टल निर्माण तथा पशुपालन और मत्स्य पालन को लघु उद्योग का दर्जा देने का सुझाव भी आया।
बैठक में राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के कार्यकारी निदेशक डॉ एन एम सिंह, मत्स्य पालन के निदेशक प्रेमसुख विश्नोई,गोपालन विभाग के डॉ तपेश माथुर तथा राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के डॉ संतोष कुमार शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में पशुपालन विभाग, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, मत्स्य पालन विभाग, गोपालन विभाग, राजूूवास, तथा राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के समस्त राज्य स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया।
Tags:    

Similar News

-->