Bundi: प्राकृतिक स्वरूप में लौटा एरू नदी का स्वरूप , जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण
Bundi बूंदी। डाबी क्षेत्र की ऐरु नदी के बहाव क्षेत्र में खनन से जमा हुए मलबे को निकालने के बाद नदी अब अपने प्राकृतिक स्वरूप में आने लगी है और नदी का बहाव पूर्व की तरह होने लगा है। डीएमएफटी के जरिए हुए इन कार्यो से नदी पुनर्जीवित हो गई है।
बुधवार को जिला कलेक्टर ने गुड्डा व लाबांखोह गांव के समीप नदी के बहाव क्षेत्र का दौरा कर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बात विशेष ध्यान रखा जाए कि दोबारा नदी में खनन का मलबा एकत्रित नहीं हो। ग्रामीणों के आवागमन के लिए जरूरत के अनुसार नदी पर पत्थरों और भी पुल बनाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि एक कमेटी बनाकर नदी पर एनीकट बनाने के प्रस्ताव भिजवाएं जाएं।
निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने बताया कि डीएमएफटी के तहत 11 करोड़ की लागत से 5400 मीटर के क्षेत्र से मलबा साफ कर लिया गया है। डब्ल्यूआरडी की ओर से प्राकृतिक पत्थरों से पुल बनाया गया है इससे ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
धनेश्वर में किया श्री अन्नपूर्णा रसोई का निरीक्षण
जिला कलेक्टर ने धनेश्वर में संचालित श्री अन्नपूर्णा रसोई का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आमजन को उपलब्ध कराए जा रहे भोजन की गुणवत्ता तथा जारी किए गए कूपनों के बारे में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि खाना बनाने के दौरान साफ सफाई का पूर्ण ध्यान रखा जाए और प्रतिदिन उपलब्ध कराये जाने वाले भोजन का मेन्यू भी रसोई के बाहर प्रदर्शित किया जाए।
इस दौरान खनि अभियंता बून्दी प्रथम प्रशांत बेदवाल, तालेड़ा तहसीलदार मनीष कुमार मीणा, जल संसाधन विभाग सहायक अभियंता दीपक चतुर्वेदी, सहायक खनि अभियंता बूंदी प्रथम सुधांशु उपाध्याय, नायब तहसीलदार अनिल धाकड़, पूर्व वन्य जीव प्रतिपालक विट्ठल सनाढ्य सहित अन्य मौजूद रहे।