Kotaकोटा। बाल वाहिनियों के संचालन में लापरवाही के कारण हो रही दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा स्कूली छात्र-छात्राओं को सुरक्षित एवं सुविधाजनक वाहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए बाल वाहिनी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के बारे में निजी स्कूलों में नियुक्त रोड सेफ्टी ऑफिसर, बाल वाहिनी चालकों एवं टैक्सी यूनियन से जुड़े चालकों की प्रशिक्षण कार्यशाला बुधवार को सिआम ऑडिटोरियम में आयोजित की गई। कार्यशाला में बताया गया कि विद्यालयों द्वारा बाल वाहिनियों के लिए जारी दिशा-निर्देशों की पूर्णतया पालना नहीं करने के कारण विद्यार्थियों का जीवन जोखिम में पड़ सकता है। ऐसे में इन दिशा-निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाए।
जिला कलक्टर के निर्देशों की अनुपालना में आयोजित इस कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से शिक्षा एवं परिवहन विभाग द्वारा बाल वाहिनी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के साथ ही सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन के बारे में जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि बाल वाहिनी का रंग सुनहरा पीला होगा तथा उसके आगे-पीछे स्कूल बस जबकि अनुबंधित बस, वैन/ऑटो पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखा होना आवश्यक है। स्कूली बच्चों को ले जा रहे बस, वैन, कैब अथवा ऑटो के पीछे स्कूल का नाम और वहां के फोन नंबर अनिवार्य रूप से लिखे होने चाहिए ताकि आपात स्थिति में सूचना दी जा सके। बाल वाहिनी अथवा ऑटो, वैन आदि में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमक यंत्र अनिवार्य रूप से हो। बाल वाहिनी में अनिवार्य रूप से कैमरे, स्पीड गवर्नर लगे हुए हों तथा पंजीकरण, फिटनेस, वाहन बीमा, पॉल्यूशन कंट्रोल आदि नियमों की पालना की जाए। बाल वाहिनी चालक तथा सहयोगी बच्चों के साथ अपनत्व का व्यवहार करें।
स्कूल प्रशासन के लिए दिशा-निर्देश
कार्यशाला में बताया गया कि विद्यालय स्तरीय प्रबंधन संबंधी सदस्य एवं पांच अभिभावकों को शामिल करते हुए विद्यालय से स्तरीय बाल वाहिनी यातायात समिति गठित की जाए जो नियमित रूप से बाल वाहिनी संबंधी दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करे।
बाल वाहिनी और उसमें जाने वाले छात्रों के बारे में पूरा विवरण क्लास टीचर के पास उपलब्ध रहेगा एवं शिकायत रजिस्टर भी रखा जाए जिसमें अभिभावक या छात्र शिकायत दर्ज करा सकें। बाल वाहिनी पेटिका से प्राप्त शिकायतों के बारे में रिपोर्ट के आधार पर संस्था प्रधान बाल वाहिनी संचालकों के साथ मीटिंग कर समस्याओं का निस्तारण करेंगे। विद्यालय प्रबंधन यह सुनिश्चित करे कि बाल वाहिनी में उपलब्ध सीट के अनुसार ही विद्यार्थियों को बिठाया जा रहा है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बाल वाहिनी 40 किलो मीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं हो। विद्यालय प्रबंधन द्वारा जिला स्तरीय पर गठित स्थाई संयोजक समिति को बाल वाहिनी के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की पालना के संबंध में प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
कार्यशाला में बताया गया कि बाल वाहिनी योजना की पूर्ण पालना जिला परिवहन अधिकारी नियमित रूप से अपने स्तर पर एवं संयुक्त अभियान के द्वारा बाल वाहिनी की जांच करवाई जाए एवं यह सुनिश्चित किया जाए कि परमिट वाले वाहनों का ही प्रयोग विद्यार्थियों को लाने ले जाने में किया जा रहा है।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर सीलिंग कृष्णा शुक्ला ने सड़क सुरक्षा नियमों की पालना की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर अनिल सिंघल, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजीव त्यागी, जिला परिवहन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के.के. शर्मा सहित शिक्षा एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतिकरण मोटर वाहन इंस्पेक्टर रायसिंह ने दिया।