ओल्ड और न्यू पेंशन के फेर में 590 करोड़ का पेंच, एनपीएस की बकाया जमा कराने में छूटे पसीने

Update: 2022-12-28 12:56 GMT

जयपुर: सरकारी कर्मचारियों के लिए राजस्थान में लागू की गई ओल्ड पेंशन स्कीम दूसरे राज्यों में भी पहुंच गई है, लेकिन राज्य में ओल्ड और न्यू पेंशन के फेर में 590 करोड़ का पेंच फंसा हुआ है। ओपीएस लागू होने के बाद एनपीएस के खातों से निकाली गई राशि वापस जमा कराने में पसीने छूट रहे है। हालांकि राज्य सरकार ने बकाया जमा कराने के लिए चार हिस्सों का प्रावधान किया है।

कब हुआ नोटिफिकेशन: राज्य सरकार ने 19 मई 2022 को ओपीएस का नोटिफिकेशन जारी कर एक जनवरी 2004 या उसके बाद सरकारी सेवा में आए सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का फैसला किया। इसे एक अप्रैल 2022 से लागू कर दिया। इसी बीच एक लाख 143 कर्मचारियों ने ओपीएस लागू होने की तारीख यानि एक अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 तक एनपीएस की अपनी 60 फीसदी अंशधारिता में से करीब 590 करोड़ वापस ले लिए थे। इस पर वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करके इन कर्मचारियों को निर्देश दिए कि ओपीएस लागू हो गया है।

क्या है मामला: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने एक अप्रैल 2022 से राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस यानि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी। ओपीएस लागू करने के बाद 6 माह में एक लाख 143 सेवारत कर्मचारियों की ओर से एनपीएस के खाते से करीब 590 करोड़ की राशि निकाली गई। इसमें से महज 2885 कर्मचारियों से 11 करोड 22 लाख 670 की ही वसूली हो पाई है। फिलहाल जमा कराने की 31 दिसंबर 2022 तक है, जिसके आगे बढ़ने के संकेत है।

दरअसल एक अप्रैल 2022 से ही सरकार ओपीएस स्कीम के तहत पेंशन दे रही है। इसके चलते जो एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए हैं और एक अप्रैल 2022 से पहले कभी भी रिटायर्ड हुए हैं। उन्हें उनकी जितनी सर्विस लेंथ है उसके हिसाब से ही राशि मिलेगी, जिससे उनका बड़ा नुकसान होगा। इनमें जिसकी 10 वर्ष से कम सेवा हो उसे पेंशन की जगह सर्विस ग्रेच्यूटी देते हैं और जिसकी सेवा 28 साल या उससे ज्यादा है तो उसका अंतिम वेतन है उसका पचास प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता है। अगर उसकी सेवा 28 साल से कम हुई तो उसी अनुपात में पेंशन घट जाएगी। हालांकि किसी भी हालत में यह पेंशन 8850 से कम नहीं होगी, लेकिन 10 साल की सेवा जरूरी।

4000 करोड़ के भार पर संशय: केन्द्र ने पेंशन की क्वालिफाइंग शर्त 28 साल की सेवा के बजाय 20 साल की है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार से क्वालिफाइंग अवधि बीस साल करने की मांग चल रही है। इसे लेकर 4000 करोड का भार है, जिस पर सरकार को निर्णय लेना है। न्यू पेंशन स्कीम के तहत एनएसडीएल में 10 प्रतिशत राज्य सरकार और 10 प्रतिशत कर्मचारी की जमा है। 31 मार्च 2022 तक के आंकडेÞ के मुताबिक सरकार और कर्मचारी की इसमें जमा कुल राशि 39000 करोड़ है, लेकिन ब्याज सहित यह राशि 41000 करोड़ है।

कर्मचारी ने अपने हिस्से की राशि एनपीएस से निकाली है, उसके बाद एकदम से बकाया जमा कराने की व्यवस्था नहीं है। सरकार को इस मामले में कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए।

-गजेन्द्र सिंह राठौड़, प्रदेश अध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत)

ओपीएस का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद सरकार ने एनपीएस से पैसा निकालने पर कोई रोक नहीं लगाई, जिसके कारण जरुरत पर कर्मचारी ने पैसा निकाल लिया। अब एक साथ नहीं दे सकता, सरकार में हर महीने का कुछ राशि तय कर दें, जो कर्मचारी आसानी से जमा करवा सकेगा। इसकी सरकार से बार-बार मांग कर रहे हैं।

-कपिल देव, अध्यक्ष सचिवालय कर्मचारी संघ

बकाया वसूली को लेकर जो असमंजस की स्थिति है, उसे सरकार को स्पष्ट करना चाहिए ताकि कर्मचारी अधर में नहीं रहे।

-राम प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष, सहायक कर्मचारी संघ

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