जोधपुर न्यूज़: जोधपुर शहर की टैक्स्टाइल और स्टील इंडस्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित पानी को ट्रीट करने वाले ट्रस्ट में घोटाला सामने आया है। 2 दिन पहले ही जिला प्रबंधन समिति की बैठक में जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे।
इस पर आरपीसीबी की क्षेत्रीय अधिकारी शिल्पी शर्मा की रिपोर्ट पर विवेक विहार थाने में एक पूर्व ट्रस्टी, वर्तमान मैनेजिंग ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष सहित आठ कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इन पर करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोप है।
बताया यह जा रहा है कि कई कंपनियों को फर्जी भुगतान कर बिल उठाए गए। जबकि कई काम के तय मानक से अधिक बिलों के भुगतान किए गए।
प्रशासनिक जांच में गड़बड़ी पकड़ी:
यह मामला करीब 6 महीने पुराना है जिसमें प्राथमिक तौर पर वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने प्रशासकीय जांच करवाई। इस जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में घोटाला हो न पाया।
जे.पी.एन.टी के एस.पी. वी. आर.एस.एस. आर.ए. द्वारा गठित आन्तरिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने घोटाले की पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाने को कहा था।