राजस्थान में सियासी धमसान मचाने वाली लाल डायरी के राजेंद्र गुढ़ा ने सामने रखे पन्ने

Update: 2023-08-02 10:42 GMT

राजस्थान: राजस्थान विधानसभा में मणिपुर में हुई हिंसा की तुलना महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से कर सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देने वाले बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं, जहां बुधवार को मीडिया से बातचीत में गुढ़ा ने जमकर भड़ास निकाली। लाल डायरी बम. उसका राज खोलने का दावा किया है. मीडिया से बातचीत में गुढ़ा ने अशोक गहलोत सरकार पर आरसीए चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाए. गुढ़ा ने मीडिया के सामने लाल डायरी पढ़ने का दावा किया और इस दौरान उन्होंने कुछ पन्ने भी दिखाए. गुढ़ा ने बताया कि इस डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी सौभाग सिंह और पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के बीच लेनदेन का जिक्र है.

दरअसल, राजेंद्र गुढ़ा ने पिछले महीने विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे, जहां उन्होंने कहा था कि हम मणिपुर की चिंता करने के बजाय महिलाओं की सुरक्षा में विफल रहे हैं और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं. तुम्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. वहीं इस बयान के बाद काफी हंगामा हुआ और गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद विधानसभा से भी निष्कासित कर दिया गया. धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट का दावा गुढ़ा ने आरोप लगाया कि डायरी में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव के दौरान हुए लेन-देन को कई कोडवर्ड में लिखा गया है और मुख्यमंत्री के सचिव समेत वैभव गहलोत के बारे में भी कई बातें लिखी होने का आरोप है. उन्होंने बताया कि इस डायरी में लिखी लिखावट धर्मेंद्र राठौड़ की ही है. हालांकि, गुढ़ा ने इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं दिया है, जिसके बाद डायरी की विश्वसनीयता पर अब भी सवाल उठ रहे हैं. गुढ़ा ने मीडिया के सामने डायरी के कुछ पन्ने भी पढ़े.


 



माफी मांगने के लिए मजबूर किया जा रहा है वहीं गुढ़ा ने कहा कि आज वह डायरी के सिर्फ 3 पन्ने दिखा रहे हैं जो उनकी रणनीति का हिस्सा है और आने वाले दिनों में वह बाकी राज भी खोलेंगे. वहीं, पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार मुझे जेल में भी डाल सकती है, लेकिन उसके बाद मैं किसी और तरीके से अपनी आवाज उठाऊंगा.

इसके अलावा गुढ़ा ने आरोप लगाया कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मुझ पर माफी मांगने का दबाव बनाया है. गौरतलब है कि 24 जुलाई को राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने विधानसभा में स्पीकर के सामने लाल डायरी लहरा दी थी, जिसके बाद वहां हाथापाई के बाद मार्शलों ने गुढ़ा को विधानसभा से बाहर निकाल दिया था और इस घटना के बाद गुढ़ा को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. संपूर्ण सत्र. से निलंबित भी किया गया था.

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