चक्क गांधा सिंह वाला और झबेलवाली के बीच से गुजरते राजस्थान फीडर का पुल टूटा
पंजाब में मुक्तसर जिले के गांव चक्क गांधा सिंह वाला और झबेलवाली के बीच से गुजरते राजस्थान फीडर का पुल टूट गया।
पंजाब में मुक्तसर जिले के गांव चक्क गांधा सिंह वाला और झबेलवाली के बीच से गुजरते राजस्थान फीडर का पुल टूट गया। करीब 60 वर्ष पुराना ये पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। गनीमत रही कि पुल के टूटने का लोगों को समय रहते पता चल गया, अन्यथा अगर पुल से गुजरते समय ये क्षतिग्रस्त होता तो जानी नुकसान भी हो सकता था। पुल टूटने की सूचना मिलने पर एसडीएम स्वर्णजीत कौर ने मौके पर जाकर जायजा लिया। ग्रामीणों ने पुल टूटने का कारण इसकी मियाद पूरी होना और नहर की रीलाइनिंग के दौरान यहां पर बनाए गए बांध की मिट्टी को न निकालना बताया है।
गौरतलब है कि मंडी बरीवाला से चक्क गांधा सिंह वाला और झबेलवाली गांव को जाने वाली सड़क पर जुड़वां नहरें सरहिंद फीडर और राजस्थान फीडर पर यह पुल बना हुआ है। रात को करीब साढे़ 12 बजे राजस्थान नहर का पुल बीच से टूटकर पानी में गिर गया। राजस्थान नहर का पिछले काफी समय से रीलाइनिंग का काम चल रहा था, जिसमें मंगलवार को ही पानी छोड़ा गया था। हालांकि पुल टूटने का कारण जांच का विषय है, बताते हैं कि रीलाइनिंग के लिए इस पुल के पास मिट्टी डालकर पानी को रोका गया था
जब पानी छोड़ा तो मिट्टी को निकाला नहीं गया। जिस कारण नहर की एक बुर्जी दबाव न झेल पाने की वजह से नीचे बैठ गई और पुल टूटकर नहर में गिर गया। इस पुल के टूटने से मंडी बरीवाला व चक्क गांधा सिंह वाला का गांव झबेलवाली, बाह्मणवाला, संगराणा, चौंतरा और चड़ेवान से संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों को अपने खेतों में जाने-आने के लिए अब पांच से सात किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा।
किरती किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों का प्रदर्शन
पुल टूटने की घटना को लेकर बुधवार को किरती किसान यूनियन ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। यूनियन नेता जसविंदर सिंह झबेलवाली, हरप्रीत सिंह, रणजीत सिंह, कंवरजीत सिंह, नौजवान भारत सभा के मंगा सिंह आजाद ने कहा कि इस नहर के आगे चल रहे रीलाइनिंग के काम के दौरान विभाग के रेत और बजरी के बड़े टिप्पर यहां से दिनभर गुजरते रहे हैं। जबकि यह पुल केवल ग्रामीणों की जरूरत को पूरा करने के लिए ही बनाया गया था। पुल पहले ही खस्ता हालत में था और इसकी मियाद भी पूरी हो चुकी है।
अब इन टिप्परों और अन्य हैवी वाहनों के गुजरने के कारण पुल और ज्यादा खस्ताहाल हो गया था। रीलाइनिंग के लिए लगाए गए बांध की मिट्टी भी पानी छोड़ने से पहले निकाली नहीं गई। जिसके चलते ही पुल रात को अचानक टूट गया। उन्होंने कहा कि नहरों की रीलाइनिंग के काम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला हुआ है। निम्न स्तरीय सामग्री के इस्तेमाल के चलते इससे पहले गांव थांदेवाला के पास सरहिंद और राजस्थान नहर की बीच की पटरी में दो बार दरार पड़ चुकी है। राजस्थान फीडर के पुल के टूटने से इसके साथ सटा सरहिंद नहर का पुल भी कमजोर हो गया है। दोनों पुलों का नवनिर्माण करने की जरूरत है