Rajasthan: आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ स्वस्थ जीवन शैली का आधार: जिला कलेक्टर
Rajasthan राजस्थान: जिला प्रशासन एवं आयुर्वेद विभाग द्वारा नवम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस धन्वन्तरि जयंती समारोह का आयोजन मंगलवार को जिला कलक्टर शुभम चौधरी के मुख्य आतिथ्य में राजकीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र में हुआ।
जिला कलक्टर ने कहा कि आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि स्वस्थ जीवन शैली का आधार भी है। उन्होंने कहा कि आधुनिक एवं पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों के अपने फायदे एवं नुकसान हैं इनकी उपयोगिता के बारे में जन-जन को बताए। एक बेहतर चिकित्सक के साथ-साथ एक बेहतर इंसान के रूप में पूरे लगन से मरीज की सेवा करें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आयुर्वेद विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. ब्रजवल्लभ शर्मा ने कहा कि इस वर्ष की थीम “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार” के अनुसार भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए इस क्षेत्र में नवाचार एवं अनुसंधान करने की परम आवश्यकता है।
उप निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क हेमन्त सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में हमे अनुसंधान करने के साथ-साथ इस चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक ले जाने की आवश्यकता है। वहीं हमे आमजन में इस चिकित्सा पद्धति के प्रति जो भरोसा व विश्वास आदिकाल से चल रहा है उसे बनाए रखने की आवश्यकता है। आयुर्वेद हमारे सभी घरों की रसोई में है। प्राचीन काल से ही हमारी दादी-नानी इन रसोईयों से ही हमारे परिजनों के बीमार होने पर उनका उपचार करती आ रही है। इस वैश्विक काल में हमे इस चिकित्सा पद्धति को पुनः जनमानस के ह्दय में स्थापित करते हुए विश्व पटल पर स्थापित करना है।
उप निदेशक आयुर्वेद विभाग डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया एवं विशिष्ट केन्द्र पंचकर्म, जरावस्था, आंचल प्रसूता, क्षार शूत्र शल्य चिकित्सा एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
डॉ. पुरूषोत्तम गौतम ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में 8 प्रकार की विधाओं काय, बाल, उध्दर्वांग, शल्य, विष, जरा, वाजीकरण, ग्रह चिकित्सा से सभी रोगों का ईलाज किया जाता है।
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विजय शंकर बैरवा ने योग एवं आयर्वुेद के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
इस दौरान पंतजलि योग प्रशिक्षक मोहन लाल कोशिक, डॉ. अंजली मीणा, डॉ. विजय शंकर गौतम, डॉ. बालकृष्ण शर्मा, डॉ. हंसराज शर्मा सहित अन्य आयुर्वेद चिकित्सक उपस्थित रहे।