विजन डॉक्यूमेंट-2030 की तैयारी 12 जिलों में पेयजल क्षेत्र से जुड़े हितधारकों से विचार विमर्श

Update: 2023-08-28 13:44 GMT
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से विजन डॉक्यूमेंट-2030 तैयार करने के लिए पेयजल क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ विचार विमर्श की शुरूआत मंगलवार से होगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय विचार विमर्श दोपहर 12 बजे यहां जल भवन में होगा।
इसके अलावा प्रदेश के 12 जिलों-अजमेर, अलवर, भरतपुर, ब्यावर, दौसा, धौलपुर, डीग, नीमकाथाना, दूदू, बारां, बूंदी एवं बांसवाड़ा में मंगलवार को हितधारकों के साथ होने वाले विचार-विमर्श में प्रदेश में पेयजल सुविधाओं की वर्तमान स्थिति, आगामी वर्षों में स्वीकृत होने वाली अथवा प्रस्तावित परियोजनाओं, पेयजल के क्षेत्र में आमजन की अपेक्षाओं, विभागीय परिकल्पनाओं आदि के बारे में गहन विचार-विमर्श कर प्राप्त सुझावों का संकलन किया जाएगा। हितधारकों से प्राप्त इन सुझावों को विभिन्न स्तर पर मंथन के बाद पेयजल सुविधाओं से जुड़े विजन 2030 दस्तावेज में शामिल किया जाएगा।
जिला स्तर पर हितधारकों के साथ होने वाले विचार विमर्श में जन प्रतिनिधि, जिला वॉटर एण्ड सेनिटेशन कमेटी के सदस्य, तकनीकी संस्थानों, अनुसंधान केन्द्रों के प्रतिनिधि, भूजल वैज्ञानिक एवं रसायनज्ञ, पेयजल से जुड़े विषय विशेषज्ञ, उद्यमी संगठनों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा विजन डॉक्यूमेंट-2030 के संकलन एवं प्रारूप तैयार करने के लिए मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री दलीप गौड की अध्यक्षता में एक प्रोग्राम मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) गठित की गई है। इस यूनिट की बैठक भी नियमित अंतराल में आयोजित की जाएगी। विजन डॉक्यूमेंट-2030 पर विभिन्न स्तरों पर मंथन होगा एवं 15 सितम्बर तक अंतिम रूप दिया जाएगा।
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