Jaipur: आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हुए क्रिटिकल और स्टेट्रेजिकल मिनरल्स के खोज पर खास फोकस
Jaipur जयपुर । वर्ष 2025-26 में राजस्थान के माइंस एवं भूविज्ञान, आरएसएमईटी, जियोलोजिकल ऑफ सर्वें ऑफ इंडिया सहित केन्द्र व राज्य की संस्थाएं 130 से अधिक खनिज एक्सप्लोरेशन परियोजनाओं का संचालन करेंगी। माइंस, जियोलोजी एवं पेट्रोलियम विभाग के शासन सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि माइंस एवं जियोलोजी विभाग द्वारा 34 एक्सप्लोरेशन परियोजनाओं पर खनिज खोज का कार्य किया जाएगा, वहीं जीएसआई द्वारा मिशन- 1 के तहत एक लिग्नाइट एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम सहित 16 एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम और मिशन- 2 में 80 प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही एमईसीएल सहित केन्द्र की अन्य संस्थाओं द्वारा भी खनिज खोज कार्य किया जाएगा।
श्री टी. रविकान्त ने शुक्रवार को आरआईसी में स्टेट जियोलोजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में बताया कि राज्य में प्रचुर मात्रा में विविध खनिज होने के साथ ही खनिज एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। आगामी वर्ष में विभाग व आरएसएमईटी द्वारा 2 फेरस मेटल, 2 बेस मेटल, 8 लाइमस्टोन, 2 डायमेंशनल स्टोन और 20 अन्य खनिजों एक्सप्लोरेशन परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। उन्होंने राज्य में माइंस सेक्टर में कार्य कर रही राज्य व केन्द्र की सभी संस्थाओं से परस्पर सहयोग व समन्वय से गुणवत्ता पूर्ण एक्सप्लोरेशन पर जोर दिया।
श्री रविकान्त ने मेजर और माइनर मिनरल क्षेत्र में देश भर में लीड लेते हुए किये जा रहे कार्यों के लिए निदेशक माइंस व उनकी पूरी टीम की सराहना की। उन्होेंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ते हुए हमें क्रिटिकल और स्टेट्रेजिकल मिनरल्स के खोज व खनन कार्य को और अधिक तेजी से बढ़ाना होगा।
माइंस निदेशक श्री भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि राज्य में मिनरल एक्सप्लोरेशन व डिपोजिट्स के खोज व खनन कार्य को आगे बढ़ाने में एसजीपीबी की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मिनरल ब्लॉकों व प्लॉटों का ऑक्शन कर राज्य में रोजगार और रेवेन्यू दोनों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है।
उपमहानिदेशक जीएसआई श्री अनिन्ध्य भट्टाचार्य ने कहा कि खनिजों की दृष्टि से राजस्थान देश का प्रमुख प्रदेश है। जीएसआई मिशन मोड पर कार्य कर रही है। जीएसआई के निदेशक श्री हरीश मिस्त्री ने बताया कि राज्य में डायमण्ड के अलावा करीब- करीब सभी तरह के खनिजों के संकेत है। जीएसआई थल, जल और नभ तीनों क्षेत्रों में ही काम कर रहा है और मिशन- 1 के तहत मेपिंग का काम हो रहा है।
एएमडी के क्षेत्रीय निदेशक श्री एस. क.े शर्मा ने रेयर अर्थ, यूरेनियम और प्लेटिनियम के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। एमईसीएल के श्री आशीष सिंह ने प्रदेश में चल रही गतिविधियों की जानकारी दी।
अतिरिक्त निदेशक जियोलोजी श्री एसएन डोडिया ने विभाग द्वारा एक्सप्लोरेशन, डेलिनियेशन और ऑक्शन की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी वर्ष 34 प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जाएगा।
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी श्री एनपी सिंह ने आरएसएमईटी द्वारा 107 माइनिंग लीज ब्लॉक तैयार किये गए हैं, वहीं आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर विभाग की लेब, ड्रिलिंग विंग को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आरमेट द्वारा सोशियल मीडिया के प्रभावी उपयोग से ऑक्शन के प्रभावी परिणाम प्राप्त हो सके हैं।
कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम श्री अजय शर्मा ने किया। इस अवसर पर सेवानिवृत होने वाले विभाग के श्री इरशाद अली और एएमडी के श्री एसके शर्मा को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
बैठक में विभाग के जियोलोजी विंग के अधिकारी एडीजी जयपुर श्री आलोक प्रकाश जैन, एसजी श्री संजय सक्सैना, श्री संजय दुबे, श्री संजय गोस्वामी, श्री सुशील हुडा, श्री नितिन चौधरी, श्री महेश शर्मा सहित विभागीय अधिकारी, जीएसआई, एमईसीएल, एएमडी, आरएसएमएम भी उपस्थित रहे।