Jaipur. जयपुर। जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच टक्कर के बाद धमाके में 11 लोगों की मौत हो गई और 37 गाड़ियां जलकर राख हो गई. दर्जनों लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस बीच हादसे ने देश में सड़क पर फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही का भी पोल खोल दी है. कारण, इस हादसे की चपेट में एक बस भी आ गई, जिसमें सवाल 20 पैसेंजर झुलस गए. इस बस का परमिट एक्सपायर हो चुका है. उदयपुर से आ रही स्लीपर बस नंबर RJ-27 PC0030 में 34 पैसेंजर थे, जिनमें से 20 यात्री अस्पताल लाए गए. अभी ड्राइवर-कंडक्टर समेत 14 लोगों की जानकारी नहीं है. इस बस का परमिट 16 महीने पहले यानी 25 अगस्त 2023 को ही खत्म हो गया था. बस का AITP (ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट) 8 जुलाई 2024 को एक्सपायर हो गया था।
परमिट एक्सपायर होने का सीधा मतलब होता है कि बस को परिवहन विभाग सड़क पर चलने की इजाजत नहीं दे रहा है. इसको पकड़कर जब्त करने की जिम्मेदारी आरटीओ विभाग की होती है. जब उदयपुर के बस मालिक अब्दुल सलीम खान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो कभी बस नहीं चलाते, केवल 19 दिसंबर की ही बुकिंग ली थी जबकि ऑनलाइन चेक करने पर साफ दिख रहा है कि वो रोज बुकिंग ले रहा है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया, "कुल 11 लोगों की मौत हुई है. पांच लोगों को मृत अवस्था में एसएमएस अस्पताल लाया गया. पांच लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. एक व्यक्ति की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई है. 27 लोग एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं और एक व्यक्ति का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है."
पीटीआई के मुताबिक दुर्घटनास्थल पर मौजूद जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि टक्कर में एलपीजी टैंकर का आउटलेट नोजल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे गैस रिसाव हुआ और आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना सुबह करीब 5.30 बजे हुई, जब अंधेरा था और यह हादसा एक स्कूल के सामने हुआ. जोसेफ ने कहा, "टैंकर के पीछे खड़े वाहन आग की चपेट में आ गए. विपरीत दिशा से आ रहे अन्य वाहनों में भी आग लग गई और वाहन आपस में टकरा गए. गैस रिसाव के कारण आग तेजी से फैल गई, जिससे आस-पास के वाहनों में बैठे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला. लोग आग की लपटों में घिरे अपने कपड़े उतारते और भागते नजर आए. घायलों को 25 से अधिक एंबुलेंस में जयपुर के एसएमएस अस्पताल ले जाया गया."
डॉ. महेश्वरी ने बताया कि 43 लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से सात वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. मामूली रूप से घायल कुछ लोग ड्रेसिंग के बाद अस्पताल से चले गए. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने संकेत दिया कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है. राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके पूर्ववर्ती अशोक गहलोत ने पर दुख जताया है. एक्स पर एक पोस्ट में, मोदी ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. मोदी ने घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए सीएम शर्मा से भी बात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. इससे पहले, लोगों ने बताया कि लगभग एक किलोमीटर दूर से आग की लपटें देखी गईं, क्योंकि घने काले धुएं ने आसमान को भर दिया था, जबकि एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां दुर्घटनास्थल की ओर दौड़ रही थीं. छात्रों को लेने जा रहे एक स्कूल वैन चालक ने सड़क पर आग की लपटों में घिरे एक व्यक्ति को देखकर भयभीत हो गया। मौतों