Pratapgarh प्रतापगढ़ । राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला अपनी भौगोलिक विषमताओं के लिए जाना जाता है। यहां कई ऐसे गांव हैं, जहां पहुंचने के लिए नाव ही एकमात्र या सापेक्षिक तौर पर अधिक सुगम साधन है। लेकिन जब किसी मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया जाता है, तो रास्ते की कठिनाइयाँ भी बाधा नहीं बनतीं। प्रतापगढ़ जिला प्रशासन विधानसभा आमचुनाव, लोकसभा आमचुनाव और विभिन्न कार्यों व अभियानों में यह साबित कर चुका है। कुछ ऐसा ही हुआ जब प्रतापगढ़ प्रशासन ने ‘बाबुल की बिटिया’ अभियान के तहत सुदूर गांवों में रहने वाली एकल महिलाओं तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
उल्लेखनीय है कि बाबुल की बिटिया अभियान के तहत एकल महिलाओं के सर्वे का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में पीपलखूंट उपखंड की ग्राम पंचायत कुपड़ा के हरो राजस्व गांव में अभियान के तहत एक अनोखा दृश्य सामने आया जब सुबह की हल्की ठंड में सर्वे टीम नांव में बैठकर एकल महिलाओं के घर पहुंची। बता दें कि हरो राजस्व गांव माही बैकवाटर के टापू पर बसा है जहां नांव से जाना ज्यादा सुगम है।
‘बाबुल की बिटिया’ अभियान क्या है?
जिला कलेक्टर डॉ. अंजली राजोरिया के नेतृत्व में शुरू किया गया ‘बाबुल की बिटिया’ अभियान एकल महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल है। इसका उद्देश्य उन पात्र एकल महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ना है, जो किसी न किसी कारणवश अब तक योजनाओं के लाभ से वंचित है। इस अभियान के तहत जिले भर में एकल महिलाओं का सर्वेक्षण किया जा रहा है, ताकि उनकी पात्रता के अनुसार पेंशन, रोजगार, स्वरोजगार, चिकित्सा, फ्री लीगल एड और अन्य सरकारी लाभ पात्रतानुसार प्रदान किए जा सकें।