उदयपुर न्यूज: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने फतेहसागर और सज्जनगढ़ सेंचुरी के आसपास के रेस्टोरेंट-होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल, फूड स्टॉल पर आपत्ति जताई है। उन्हें नोटिस जारी किया गया है। इसमें इको सेंसिटिव एरिया में ध्वनि, प्रकाश और वायु प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई गई है।
इतना ही नहीं जिम्मेदार विभागों से 4 सप्ताह में जवाब भी मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी। आदेश के अनुसार वेटलैंड अथॉरिटी, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, राजस्थान पर्यावरण सचिव, कलेक्टर, निगम व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मामले की जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेंगे। एनजीटी ने ये आदेश झील प्रेमी अनिल मेहता द्वारा दायर एक मुकदमे पर दिए हैं।
दुकानदार-पर्यटक झील में फेंकते हैं ठोस कचरा, जलीय जीवन को खतरा
वाद में बताया गया है कि सज्जनगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य और फतेहसागर झील इको सेंसिटिव जोन हैं. झील से 15 मीटर दूर खाने-पीने की दुकानों और होटलों के कुप्रबंधन के कारण दुकानदार और पर्यटक ठोस कचरा झील में फेंक देते हैं। इससे झील-जलीय जीवों के लिए खतरा पैदा हो गया है।
झील-सज्जनगढ़ सेंचुरी बॉर्डर से सटे रेस्टोरेंट-होटल, मैरिज गार्डन में आतिशबाजी व बैंड-बाजे से ध्वनि व वायु प्रदूषण हो रहा है। इससे तेंदुए, हिरण, लोमड़ियों समेत कई प्रजातियों के वन्यजीवों और पक्षियों को परेशान होना पड़ता है। ये गतिविधियां मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। इसके बावजूद इन बेजुबानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।