नए जमाने की जिंक आधारित बैटरी तकनीक के लिए हिंदुस्तान जिंक और JNCASR के बीच MoU
Bhilwara भीलवाडा। एनर्जी स्टोरेज के भविष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख संस्थान जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र जेएनसीएएसआर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस सहयोग का उद्देश्य जिंक आधारित बैटरियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए जिंक सामग्री को विकसित करना है। हिंदुस्तान जिंक और जेएनसीएएसआर के बीच साझेदारी बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है, जो जिंक की प्रचुर संसाधन उपलब्धता, लागत-प्रभावशीलता और सस्टेनेबल संचालन का परिणाम है। वर्तमान में, लिथियम-आयन बैटरी बाजार में प्रमुखतया उपयोग में है, लेकिन लिथियम की उपलब्धता, खनिज प्रसंस्करण की भौगोलिक सांद्रता और ज्वलन मुद्दों से संबंधित सुरक्षा को लेकर चिंताएं सस्टेनेबल ऊर्जा समाधानों की उन्नति के लिए कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं।
इसके साथ ही जिंक की तुलना में लिथियम बहुत अधिक यानि चार गुना महंगा है। जिंक आधारित बैटरी मुख्य रूप से लंबी अवधि के भंडारण, लागत-प्रभावशीलता, स्थायित्व और सिद्ध सुरक्षा ट्रैक रिकॉर्ड जैसे गुणों के कारण लिथियम आधारित बैटरियों के बेहतर विकल्प हैं। जिंक आधारित प्राथमिक बैटरियों ने लंबे समय से भारत और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी रखी है ये बैटरियां उच्च स्तरीय रक्षा क्षेत्र एयरोस्पेस और समुद्री सहित, नवीकरणीय ऊर्जा और डेटा केंद्रों और 5जी दूरसंचार आदि के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में भरोसेमंद और सफल साबित हुई हैं। जिंक आधारित बैटरी के स्वदेशी विकास से देश में संसाधनों की विशाल उपलब्धता के कारण राजकोष में भी बचत होगी। कुछ व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त जिंक आधारित बैटरी रसायनों में जिंक-मैंगनीज, जिंक-कार्बन, निकल-जिंक और जिंक-एयर शामिल हैं। हालांकि, यह सहयोग जिंक आयन और जिंक एयर बैटरियों के लिए एनोड के रूप में जिंक मिश्र धातुओं के अनुसंधान और विकास, उच्च प्रदर्शन वाले जिंक मिश्र धातु एनोड के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स विकसित करने और जिंक धातु आधारित बैटरियों के पुनर्चक्रण के लिए रासायनिक प्रक्रियाओं को डिजाइन और विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, कि जिंक कम कार्बन वाले भविष्य का अभिन्न अंग है और यह एनर्जी स्टोरेज क्षेत्र में लिथियम के लिए एक सुरक्षित और सस्टेनेबल विकल्प है। हिंदुस्तान जिंक द्वारा जलवायु कार्रवाई पहल, बैटरी में जिंक के नए प्रयोगों को आगे बढ़ाने और खोजने के लिये चल रहे वैश्विक ऊर्जा संक्रमण की सहायता करने पर केंद्रित है। यह सहयोग उभरती हुई स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल का सक्रिय योगदानकर्ता बनकर वैकल्पिक ऊर्जा समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। हिंदुस्तान जिंक का लक्ष्य सस्टेनेबल ऊर्जा समाधानों में परिवर्तन को गति देना है, क्योंकि जिंक इस्पात, नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण समाधान, इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक घटकों और गतिशीलता जैसे सभी महत्वपूर्ण उद्योगों की मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण है। अगली पीढ़ी की जिंक सामग्री विकसित कर, कंपनी का लक्ष्य एक हरित और अधिक सस्टेनेबल भविष्य में योगदान करना है।
जेएनसीएएसआर में प्रो. प्रेमकुमार सेनगुट्टुवन की टीम, जो अपने अत्याधुनिक सामग्री अनुसंधान के लिए जानी जाती है, हिंदुस्तान जिंक के साथ मिलकर ऐसे अग्रणी समाधानों के लिए कार्य करेगी जो जिंक आधारित बैटरियों के प्रदर्शन और विश्वसनीयता को बढ़ाएँ। जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र,जेएनसीएएसआर भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है और बैंगलोर में एक डीम्ड विश्वविद्यालय है। अपने विचार साझा करते हुए जेएनसीएएसआर के डीन आरएंडडी प्रोफेसर श्रीनिवास ने कहा, “प्रो. प्रेमकुमार सेंगुट्टुवन, लिथियम, सोडियम और जिंक-आधारित प्रणालियों में महत्वपूर्ण अनुभव के साथ बैटरी प्रौद्योगिकी में व्यापक विशेषज्ञता लाते हैं। उनके शोध ने ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिए इन तत्वों के अनूठे लाभों का लाभ उठाया है। जिंक की व्यापक उपलब्धता, न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव, लागत-प्रभावशीलता और सुरक्षा विशेषताएं इसे स्थायी ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थान देती हैं।
हिंदुस्तान जिंक के सहयोग से जिंक-आधारित बैटरी प्रौद्योगिकियों में प्रोफेसर सेंगुट्टुवन का प्रस्तावित कार्य, अधिक सस्टेनेबल और प्रतिरोधक्षमतापूर्ण ऊर्जा भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देने की योग्यता रखता है।” दुनिया बैटरी उद्योग में तेजी से विकास देख रही है, जो सस्टेनेबल एनर्जी भंडारण समाधानों की आवश्यकता से प्रेरित है जेएनसीएएसआर के साथ नई साझेदारी बैटरी स्टोरेज क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक के चल रहे प्रयासों का पूरक है। इस महीने की शुरुआत में, हिंदुस्तान जिंक ने जिंक बैटरी प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता रखने वाली अमेरिकी कंपनी एईसिर टेक्नोलॉजीज, इंक. के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह सहयोग निकेल-जिंक बैटरियों के विकास पर केंद्रित है, जो अपने उच्च-शक्ति उत्पादन, लागत दक्षता और विस्तारित जीवनकाल के साथ ऊर्जा भंडारण में क्रांति की ओर अग्रसर हैं।