राजसमंद। राजसमंद नाथद्वारा उपखंड की खमनोर तहसील से ग्राम पंचायत मोलेला के पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त मृणशिल्प कलाकार मोहनलाल कुम्हार का शनिवार को निधन हो गया। मोलेला और खमनोर के बीच बनास नदी के घाट पर राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। पद्मश्री माहनलाल ने मोलेला में पैतृक विरासत को संजोते हुए पिता चतुर्भुज से बचपन में टेराकोटा कला के गुर सिखे। वर्तमान के मशीनरी युग में एक समय ऐसा आया कि स्टील के संसाधनों सहित अन्य धातु ने मोलेला की प्रसिद्ध कला के वजूद पर संकट ला दिया था। उस समय पद्मश्री मोहनलाल ने कला को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया।
मोहनलाल को 1988 में राष्ट्रीय पुरस्कार, 2003 और 2005 में शिल्प गुरु अवार्ड, 1984 में राज्य पुरस्कार, 2019 में राजस्थान शिल्प रत्न पुरस्कार सहित दर्जनों राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले। महाराणा राजसिंह शोध एवं स्मृति संस्थान ने मोहनलाल को राजरत्न की उपाधि भी दी। मोहनलाल ने जीवन काल में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, स्पेन, ग्रीस, अर्जेंटीना सहित 11 देशों के विश्वविद्यालयों, कला उत्सवों, कला मेलों और प्रदर्शनों में मोलेला की कला को प्रदर्शित किया। कम पढ़े-लिखे होने के बाद भी टेराकोटा कला में महारत देख अमेरिका में एक विश्वविद्यालय ने उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर भी बनाया था, लेकिन वे वापस मोलेला आ गए।