Jodhpur: सब इंस्पेक्टर की जॉगिंग करते समय हुई मौत
दिल के दौरे से अचानक मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
जोधपुर: हाल के दिनों में दिल के दौरे से अचानक मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय बन गया है, विशेषकर युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों के बीच। कल रात और आज सुबह जोधपुर के सब इंस्पेक्टर करणी दान और पाली के सुपरवाइजर सुरेश कुमार की मौत से यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
परिवार में पत्नी, 6 साल का बेटा और बुजुर्ग मां रो रही हैं।
39 वर्षीय सब-इंस्पेक्टर करणी दान को गुरुवार सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान दिल का दौरा पड़ा। डीएसटी टीम प्रभारी करणी दान की मौत से पुलिस महकमे को गहरा सदमा लगा है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, 6 वर्षीय बेटा और बुजुर्ग मां हैं। करणी दान पूरी तरह से फिट थे, वह हर दिन करीब 5 किलोमीटर पैदल चलते थे। वर्ष 2014 में ही उनकी नियुक्ति राजस्थान पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर हुई। पति का शव देखकर पत्नी बेहोश हो गई, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पार्श्व ग्लोबल कंपनी के सुपरवाइजर की भी मौत हो गई: इससे पहले कल रात पाली जिले के 42 वर्षीय सुरेश कुमार, जो नीलवर्णा पार्श्व ग्लोबल कंपनी में सुपरवाइजर थे, खाना खाते समय अचानक बेहोश हो गए। डॉक्टरों ने उन्हें दिल का दौरा पड़ने से मृत घोषित कर दिया। यह घटना उनके सहकर्मियों और परिवार के लिए गहरा सदमा है। जब परिजनों को शव मिलने की जानकारी मिली तो सभी स्तब्ध रह गए। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है।
दिल के दौरे के सामान्य लक्षण क्या हैं: आजकल दिल का दौरा पड़ना एक आम घटना हो गई है, लेकिन दौरा पड़ने से पहले शरीर में कुछ परिवर्तन होते हैं, जिन्हें यदि गंभीरता से लिया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
जैसे अचानक बेचैनी और घबराहट, चक्कर आना या बेहोशी, सीने में तेज दर्द, पसीना आना, बाएं हाथ में अचानक सुन्नपन, ये मुख्य लक्षण हैं जो दिल के दौरे के दौरान दिखाई देते हैं।
बढ़ती मौतों के पीछे कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि अनियमित जीवनशैली, बढ़ता तनाव, खराब आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि के मुख्य कारण हैं। कोविड-19 महामारी के बाद हृदय रोग के मामलों में वृद्धि हुई है।
समाधान की ओर कदम
हृदय रोगों को रोकने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, शारीरिक व्यायाम और तनाव प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण हैं। जागरूकता फैलाना और समय पर कार्रवाई करना आज प्राथमिकता होनी चाहिए।
ये घटनाएं समाज को हृदय स्वास्थ्य के प्रति सचेत करती हैं और उन्हें याद दिलाती हैं कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही इस खतरे से बचने का एकमात्र तरीका है।