दलित छात्र की शिक्षक से पिटाई की मौत पर जालौर बना सियासत का केंद्र, पायलट-डोटासरा ने संभाला मोर्चा

राजस्थान के जालौर जिले में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र मौत से प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है।

Update: 2022-08-16 02:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के जालौर जिले में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र मौत से प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। मौत का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठने के साथ ही गहलोत सरकार एक्टिव मोड पर आ गई है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने डैमेज कंट्रोल के लिए मोर्चा संभाल लिया है। दोनों नेता विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए जालौर जाएंगे। जालौर की घटना पर भाजपा के साथ-साथ दलित संगठनों ने भी गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया है। सोमवार को राजधानी जयपुर में दलित और आदिवासी संगठनों ने अंबेडकर की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन ने ट्वीट कर लिखा- जालौर जिले के सुराणा गांव में छात्र इंद्र कुमार के साथ शिक्षक द्वारा निर्ममता से की गई पिटाई से मासूम को प्राण गंवाने पड़े थे। मैं आज परिजनों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त करूंगा। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। डोटासरा ने ट्वीट कर लिखा- जातिवादी मानसिकता के शिकार हुए मासूम छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों सांत्वना देने के लिए जालौर जिले के सुराणा गांव पहुचेंगे। डोटासरा आज सुबह पाली से जालौर के लिए रवाना होंगे। हालांकि, दोनों नेताओं का अलग-अलग समय पर जाने का कार्यक्रम है।

विधायक के बाद जिला परिषद सदस्य का इस्तीफा
दलित छात्र की मौत से क्षुब्ध कांग्रेस विधायक पानाराम मेघवार के बाद श्रीगंगानगर जिला परिषद के जोन नंबर दो से सदस्य दूलाराम मेघवाल ने जालौर घटनाक्रम से आहत होकर पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने सोमवार शाम इस्तीफा ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा। उन्होंने कहा कि वे जालौर में छात्र के साथ हुए घटनाक्रम से आहत हैं। उन्होंने कहा कि उनका समाज जिस तरह की यातनाएं झेल रहा है उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में लगता है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।
पीड़ित परिवार ने की हथियार के लाइसेंस की मांग
पीड़ित परिवार ने खुद की सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस की मांग की जिस पर मौके पर पुलिस अधीक्षक जालोर हर्ष वर्धन को निर्देश दिए गए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने मांग को स्वीकर करते हुए एसपी निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि दलित छात्र की शिक्षक की पिटाई से मौत के मामले में गहलोत सरकार पर चौतरफा हमला जारी है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से पहले ही 5 लाख रुपए पीडि़त परिवार को देने की घोषणा की थी। इस दौरान जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर, पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री सुखराम बिश्नोई , पूर्व एमएलए रामलाल मेघवाल, पूर्व एमएलए रतन देवासी, पूर्व एमएलए और जिला अध्यक्ष जालोर अमरजीत सिंह, ओबीसी बोर्ड के अध्यक्ष पवन गोदारा सहित लोग मृतक बच्चे व परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। समाज कल्याण मंत्री ने छात्र के परिजनों को 8 लाख रुपये देने की घोषणा की है। मंत्री टीकाराम जूली जालोर पहुंचे और मृतक बालक के निवास स्थान पर जाकर श्रद्धांजलि दी। मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि इस घटना की पारदर्शिता पूर्ण जांच करवा कर आरोपी को निश्चित ही कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। राज्य अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा परिजनों से मिले और प्रशासन पर निशाना साधा। विधायक बैरवा ने सरकार से 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की।
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