Jaipur: वाल्मीकि समाज ने भजनलाल सरकार को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम

भर्ती की तरह लॉटरी के आधार पर किए जाने का विरोध किया जा रहा

Update: 2024-07-17 07:27 GMT

जयपुर: राजस्थान में सफाई कर्मचारियों के 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। लेकिन इस भर्ती को भी 2018 में की गई भर्ती की तरह लॉटरी के आधार पर किए जाने का विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने विरोध दर्ज कराते हुए स्वायत्त शासन भवन का घेराव किया और मांग नहीं माने जाने की स्थिति में तीन दिन बाद झाड़ू छोड़ हड़ताल करने की चेतावनी दी।

सफाई कर्मचारियों की भर्ती व्यावहारिक आधार पर करने और भर्ती में पारंपरिक सफाई कार्य से जुड़े वाल्मिकी समाज को प्राथमिकता देने की मांग की। इस दौरान वाल्मिकी समाज के कर्मचारियों ने मांग नहीं माने जाने पर तीन दिन बाद हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

सफाई कर्मचारियों की भर्ती लॉटरी के आधार पर की जा रही है

दरअसल, इस साल जनवरी में संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ और डीएलबी निदेशक की अध्यक्षता में समझौता समिति की बैठक में लिखित रूप से सहमति बनी थी कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती 1 साल की प्रैक्टिकल के बाद मस्टरोल के आधार पर की जाएगी. सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने स्वायत्त शासन विभाग पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले हुए समझौते को ताक पर रख दिया गया और अब लॉटरी के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. जो कि वाल्मिकी समाज और सफाई कर्मचारियों के साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में सफाई कर्मियों की भर्ती लॉटरी पद्धति से की गयी थी. जो कि वाल्मिकी समाज के लिए एक काला अध्याय है। फिलहाल 24 हजार 797 सफाई कर्मचारियों के पद लॉटरी के जरिए भरे जा रहे हैं. इससे राजस्थान का समस्त वाल्मिकी समाज आक्रोशित है।

उन्होंने कहा कि यह भर्ती प्रैक्टिकल आधार पर की जाए, प्रैक्टिकल का समय अधिकतम 1 वर्ष रखा जाए, प्रैक्टिकल के दौरान अभ्यर्थियों को उनकी मेहनत का मस्टरोल दिया जाए, प्रैक्टिकल में सफल अभ्यर्थियों को 1 वर्ष के बाद स्थायी कर्मचारी घोषित किया जाए। सफाई कर्मचारियों की भर्ती एवं परंपरागत वाल्मिकी सफाई कार्य से जुड़े समाज को प्राथमिकता देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो तीन दिन बाद राजस्थान के सभी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे और आंदोलन की राह पर चलेंगे. हालांकि, विभाग का तर्क है कि भर्ती राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार की जा रही है। हालांकि, कर्मचारियों की मांग राज्य सरकार तक पहुंचायी जायेगी, क्योंकि विभाग अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकता

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