Jaipur: सरकारी जमीनों का डीएलसी रेट बढ़ने से महंगे हुए हाउसिंग बोर्ड के मकान

बढ़ोतरी 8 से 9 फीसदी तक हुई

Update: 2024-07-04 07:20 GMT

राजस्थान: प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड स्कीम के तहत आने वाले मकान महंगे हो गए हैं। सरकारी जमीनों का डीएलसी रेट बढ़ने से पहले हाउसिंग बोर्ड ने अपनी आवासीय योजनाओं की जमीनों की आरक्षित दरों में बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 8 से 9 फीसदी तक हुई है।

हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर ने कल (बुधवार) को आदेश जारी किया। ये दरें 30 जून 2025 तक प्रभावी रहेंगी. हाउसिंग बोर्ड ने जयपुर के मानसरोवर में आरक्षण दर में सबसे ज्यादा 2610 रुपए प्रति वर्ग मीटर की बढ़ोतरी की है। वहीं, जयपुर की महल योजना में सबसे कम 205 रुपये प्रति वर्ग मीटर की बढ़ोतरी की गई है.

6 महीने में दूसरी बार बढ़ी दरें: हाउसिंग बोर्ड ने 6 माह में दूसरी बार जमीन आरक्षण दरें बढ़ा दी हैं। इससे पहले इसी साल 19 जनवरी को एक आदेश जारी कर जमीन की कीमतें बढ़ाई गई थीं. बोर्ड ने अलवर, भिवाड़ी, दौसा, भरतपुर, सवाई माधोपुर और धौलपुर की योजना में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. इन जिलों के सर्किल कार्यालयों ने जमीन की कीमतें स्थिर रखने की सिफारिश की है।

कीमतों में हुआ ऐसा बदलाव: उदाहरण के तौर पर हाउसिंग बोर्ड की उदयपुर की गोवर्धन विलास एक्सटेंशन आवासीय योजना में इस साल 15 मार्च से 15 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए थे. इस योजना में एलआईजी मकान (52 वर्ग मीटर) की अनुमानित कीमत 17.40 लाख रुपये है. उस समय यहां एलआईजी मकानों की जमीन की दरें 17725.50 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय की गई थीं। इसके आधार पर जमीन की कीमत 9 लाख 21 हजार 726 रुपये आई।

लेकिन, अब बोर्ड प्रशासन ने जमीन की दरों में 8.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. अब जमीन का रेट 19233 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गया है. इस दर के मुताबिक अब इस योजना में 52 वर्ग मीटर जमीन की कीमत 10 लाख 116 रुपये हो गई है यानी 78 हजार 390 रुपये बढ़ गए हैं. नई दर बढ़ोतरी के बाद अब यहां एलआईजी की अनुमानित लागत 18.18 लाख रुपये होगी.

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