Jaipur : अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा

Update: 2024-07-03 14:25 GMT
Jaipur जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मौसमी बीमारियों पर रोकथाम का प्रभावी प्रबंधन किया जाए। इसमें किसी तरह की कमी नहीं रहे। उन्होंने अधिक प्रभावित जिलों में जिला कलक्टरों के माध्यम से अन्तर्विभागीय समन्वय करते हुए बचाव एवं नियंत्रण के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
श्रीमती सिंह बुधवार को सचिवालय
स्थित उनके कक्ष में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ओडीके एप द्वारा मौसमी बीमारियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के नवाचार को और सुदृढ़ किया जाए। मच्छरों के प्रजनन स्थानों का उपचार स्वायत्त शासन विभाग एवं पंचायती राज विभाग के माध्यम से कराया जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिलेवार डेंगू, मलेरिया व चिकुनगुनिया रोगों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में वर्तमान में मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में हैं। राज्य के 46 जिलों में डेंगू, मलेरिया पर नियंत्रण की स्थिति गत वर्ष से बेहतर है, लेकिन मानसून को देखते हुए सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मानसून में जल स्रोतों की संख्या में वृद्धि होने से मच्छर का प्रजनन अधिक होता है। साथ ही, भारत सरकार एवं जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चक्रीय पैटर्न के दृष्टिगत इस वर्ष देश में मच्छर जनित रोगों के अधिक प्रसार की सम्भावना व्यक्त की है। इसे देखते हुए बचाव एवं नियंत्रण की वांछित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
श्रीमती सिंह ने आमजन को मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने बैठक के दौरान कोटा एवं जैसलमेर के जिला कलक्टरों से चर्चा कर मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण के उपायों के संबंध में जानकारी ली। साथ ही, मौसमी बीमारियों की राज्य स्तर पर होने वाली रिपोर्टिंग का मूल्यांकन कर संबंधित जिलों को फीडबैक एवं सुधार के उपाय किए जाने हेतु निर्देशित किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टलों में डेंगू एवं मलेरिया से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर एवं हॉस्टल आदि में नियमित निरीक्षण करने के साथ ही विद्यार्थियों को सावधानियां अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए।
बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल, उप निदेशक मलेरिया डॉ. निर्मला शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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