उदयपुर: नगर निगम उदयपुर ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में अपनी रैंक सुधारने की तैयारियां शुरू कर दी है। निगम के जिम्मेदारों ने सफाई व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए कई सख्त निर्णय लिए हैं। इसके तहत अब खुले में कचरा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के सीधे चालान बनाए जाएंगे। अगर कोई संस्थान या प्रतिष्ठान ऐसा करता मिला तो निगम उसका लाइसेंस भी निरस्त कर सकता है। निगम सभागार में स्वास्थ्य शाखा की ओर से गुरुवार सुबह स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 को लेकर बैठक हुई। आयुक्त वासुदेव मालावत, उपमहापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी, वेणीराम सालवी की मौजूदगी में हुई बैठक में शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने पर मंथन हुआ। इसमें पहले प्राथमिकता के तौर पर शहर को सुंदर बनाने पर मंथन हुआ। इसके लिए सभी कार्मिकों को पाबंद किया गया।
सभी डिवाइडरों पर पेंट होगा, पौधों की कटिंग की जाएगी
डिप्टी मेयर सिंघवी ने कहा कि किसी भी कर्मचारी की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंघवी ने डिवाइडर पर कलर करने और बीच में लगे हुए पौधों की कटिंग तय करने पर जोर दिया। आयुक्त मालावत ने कहा कि सर्वेक्षण से पहले ये तय करना होगा कि सभी इलाकों में कचरा वाहन समय पर पहुंच रहे हैं या नहीं। सभी स्टेशनों से कचरा समय पर उठाया जाए। उसका सही से निस्तारण भी हो। प्रतिदिन फीडबैक जुटाने की भी आवश्यकता जताई। मालावत ने कहा कि पर्यटन स्थलों के अलावा अन्य पॉइंट पर कचरा नहीं फेंकने वाले स्लोगन लिखवाए जाने हैं।
पर्यटन के लिहाज से झीलें अहम, स्वच्छ रखना जरूरी स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष वेणीराम सालवी ने कहा कि उदयपुर शहर में आने वाले पर्यटक झीलों के आसपास आकर बैठते हैं। उसकी खूबसूरती को निहारते हैं। उन पलों को वो साथ लेकर जाते हैं। इसलिए झीलों के आसपास सफाई व्यवस्था माकूल रखनी है। बैठक में स्वास्थ्य शाखा के अधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक नरेंद्र श्रीमाली, सुभाष चंद्र शर्मा, सभी सेक्टर ऑफिसर, जमादार एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।