आरक्षित कोच में यात्री का सामान चोरी हुआ तो रेलवे की होगी जिम्मेदारी, उपभोक्ता आयोग का फैसला
जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने कहा है कि यदि किसी आरक्षित कोच में यात्रा के दौरान कोई अनाधिकृत व्यक्ति सामान चोरी कर लेता है तो उसके लिए रेलवे जिम्मेदार है.
जनता से रिश्ता। जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने कहा है कि यदि किसी आरक्षित कोच में यात्रा के दौरान कोई अनाधिकृत व्यक्ति सामान चोरी कर लेता है तो उसके लिए रेलवे जिम्मेदार है. इसके साथ ही आयोग ने लखनऊ से जयपुर की यात्रा के दौरान यात्री के मोबाइल चोरी के मामले में रेलवे पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.
आयोग ने यह आदेश सैयद असाउल हक नूरी के परिवाद पर दिया है. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि चोरी हुआ मोबाइल बरामद कर भले ही परिवादी को लौटा दिया गया हो, लेकिन इस दौरान उसे हुए मानसिक संताप को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
परिवाद में कहा गया कि यात्री 10 मई 2018 को लखनऊ से जयपुर की यात्रा की थी. तृतीय श्रेणी AC श्रेणी में यात्रा के दौरान उसने अपना मोबाइल बैग में रख लिया था. जब यात्री लघु शंका जाकर वापस आया तो उसका मोबाइल चोरी हो गया था. जिसके बाद यात्री ने जीआरपी जयपुर में एफआईआर दर्ज करवाई.
परिवाद में कहा गया कि आरक्षित कोच में चोरी रोकने की जिम्मेदारी रेलवे की थी. ऐसे में उसे मुआवजा दिलाया जाए. जिसका विरोध करते हुए रेलवे ने कहा कि जीआरपी थाना पुलिस ने मामले में अग्रिम अनुसंधान के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद चोरी हुआ मोबाइल बरामद कर उसे पांच जनवरी 2019 को परिवादी को सौंप दिया था. ऐसे में परिवाद को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे पर हर्जाना लगाया है. साथ ही कहा कि यात्री के सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है.