राजस्थानी की मान्यता के लिए जनहित याचिका खारिज होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण: कवि

Update: 2023-07-25 08:43 GMT

नागौर न्यूज़: अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता एवं संघर्ष समिति के संस्थापक एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगठक लक्ष्मण दान कविया ने राजस्थानी भाषा मान्यता की जनहित याचिका खारिज होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कविया ने ब्यान जारी कर कहा कि हालांकि भाषा की मान्यता का मुद्दा संसद व विधानसभा के अधीन होता है लेकिन सरकारें वोटों की स्वार्थपूर्ण नीति को मध्य नजर रखकर भाषा को बिना किसी मापदंड के आधार पर मान्यता दिया जाना न्यायसंगत नहीं हो सकता।

भाषा जैसे गंभीर एवं संवेदनशील मुद्दे सरकारों को सहानुभूतिपूर्ण एवं जन भावनाओं को देखते हुए निर्णय लेना ही शोभा देता है। यदि ऐसा विधायिका नहीं करती है तो फिर न्यायालय का यह नैतिक दायित्व बनता है कि वो सरकार को उचित निर्णय लेने के लिए पाबंद करें। ऐसी स्थिति में न्यायालय को उचित हस्तक्षेप करके राजस्थान की जनता के साथ न्याय कराना चाहिए। न्यायालय द्वारा राजस्थानी मान्यता की जनहित याचिका खारिज होना राजस्थान प्रदेश व राजस्थानी हित चिंतकों के अंतर्मन को ठेस है तथा निःसंदेह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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