बढ़ते शहरीकरण के बीच सतत विकास के लिए ज़रूरी प्राकृतिक समाधानों पर हुईं चर्चा
जयपुर: जेईसीआरसी युनिवर्सिटी में "अर्बन ग्रीन स्पेस" के सृजन से जुड़ी विभिन्न तकनीकों के बारे में छात्रों को अवगत कराने के लिए सेमिनार आयोजित की गईं,जहां छात्रों को बढ़ते शहरीकरण के बीच सतत विकास के लिए ज़रूरी प्राकृतिक समाधानों के बारे में जानने का मौक़ा मिला। इस सेमिनार का आयोजन "लिविंग ग्रींस ऑर्गेनिक्स" और "वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट" के द्वारा किया गया। सेमिनार की शुरुआत प्रतीक तिवारी, सीईओ एंड फाउंडर,लिविंग ग्रींस ऑर्गेनिक्स के संबोधन से हुई जिसमें उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग,प्रदूषण, पानी की कमी जैसी पर्यावरण सम्बंधी समस्यायों के प्रभावी समाधानों पर विस्तृत चर्चा की, उन्होंने बताया की कैसे रूफटॉप फार्मिंग,रेनवेटर हार्वेस्टिंग और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी तकनीकों के द्वारा हम कंक्रीट के इन जंगलों में भी अपने जीवन और पर्यावरण दोनों की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं।
आगे उन्होंने बताया की कैसे वो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर अर्बन ग्रीन स्पेसेस बनाने की ओर काम कर रहें हैं, जिसके तहत एक स्थान की भौगोलिक स्थिति,और वहां पाए जाने वाली मिट्टी के गहन विश्लेषण के अनुसार विशिष्ट पेड़ो का रोपण किया जाता हैं। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट,इंडिया अनुसंधान-आधारित पर्यावरण संबंधी विश्लेषण करता हैं और पर्यावरण के स्वस्थ और सामाजिक रूप से न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक प्रस्ताव प्रदान करता हैं।यह एनजीओ पृथ्वी की रक्षा, आजीविका को बढ़ाने और मानव कल्याण के लिए परिवर्तनकारी समाधान बनाने के लिए विचारों को क्रियान्वित करता हैं।
इसके बाद "वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट" के प्रतिनिधियों ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बारे में बताया। छात्रों ने भी इस सेमिनार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने प्रश्नों के माध्यम से पर्यावरण के बारे मे जाना। सेमिनार का अंत विक्टर गंभीर , प्रेसीडेंट ,जेईसीआरसी युनिवर्सिटी के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ़। छात्रों ने वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट और लिविंग ग्रीन ऑर्गेनिक के प्रतिनिधियों की अगुवाई में जेईसीआरसी युनिवर्सिटी कैंपस में करीब 80 प्रकार के पौधों का रोपण किया जिसमे छायादार वृक्ष के साथ-साथ फल देने वाले वृक्ष जैसे नींबू,अमरूद और बेर भी शामिल रहें। इस दौरान अमित अग्रवाल,वाइस चेयरपर्सन, जेईसीआरसी युनिवर्सिटी भी मौजूद रहें और उन्होंने इस पहल को पर्यावरण और छात्रों दोनों के लिए ही एक शानदार अवसर बताया। आज के इस शहरीकरण के युग में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी इन तकनीकों के बारे में जानने और इन्हें अपनाने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने का एक सुनहरा अवसर रही यह सेमिनार।