बीकानेर में 'देशज' कार्यक्रम मंगलवार को शुरू हुआ
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत भारत की पारंपरिक लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों का उत्सव 'देशज' मंगलवार को रविंद्र रंगमंच पर प्रारंभ हुआ.
जनता से रिश्ता। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत भारत की पारंपरिक लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों का उत्सव 'देशज' मंगलवार को रविंद्र रंगमंच पर प्रारंभ हुआ. संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिन चलने वाले कार्यक्रम में 15 राज्यों के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे.बीकानेर. आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत भारत की पारंपरिक लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों का उत्सव 'देशज' मंगलवार को रविंद्र रंगमंच पर प्रारंभ हुआ. संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिन चलने वाले कार्यक्रम में 15 राज्यों के कलाकार प्रस्तुतियां देंगे.
संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत भारत की पारंपरिक लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों का उत्सव 'देशज' मंगलवार को रविंद्र रंगमंच पर प्रारंभ हुआ. शुभारंभ महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा ने किया.
अतिथियों ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रमों के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का अवसर मिलेगा. वहीं अन्य प्रदेशों से आए हुए लोक कलाकार, बीकानेर की कला संस्कृति और यहां की परंपराओं को समझ और जान सकेंगे. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान 15 राज्यों के 372 कलाकार 26 विधाओं में अपनी प्रस्तुतियां देंगे. बुधवार को कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) मौजूद रहेंगे.
पहले दिन इन्होंने दी प्रस्तुतियां
संगीत नाटक अकादमी के उप सचिव पी जोसेफ डी राज ने बताया कि मंगलवार को बाड़मेर के अनवर खान मांगणियार और जैसलमेर के महेश राम मेघवाल व दल ने राजस्थान के लोक नृत्य एवं लोक संगीत की प्रस्तुति दी. वहीं सिरमौर के शिवान्य सांस्कृतिक कला मंच ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी नाटी, डिब्रूगढ़ के दुलाल मनकी और दल ने असम के झुमुर नृत्य, जयपुर की गुलाबो सपेरा (Gulabo Sapera of Jaipur) और दल ने कालबेलिया नृत्य, हैदराबाद की सिंगिडी कल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने तेलंगाना किए लमबाडी नृत्य, बदलापुर पूर्व के स्वप्नाजलि नृत्यालय ने महाराष्ट्र के कोली नृत्य, तंजावुर के एल जॉन पीटर व दल ने तमिलनाडु के थप्पट्टम की प्रस्तुति से दर्शकों की तालियां बटोरी. वहीं दौसा के अकरम खान और दल ने बहरूपिया कला का प्रदर्शन किया.
बुधवार को होंगे यह कार्यक्रम
इसी प्रकार दूसरे दिन राजस्थान के मांड तथा सूफी गायन, कालबेलिया कच्ची घोड़ी और चकरी नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएगी. वहीं जम्मू कश्मीर के गोजरी लोक संगीत, कर्नाटक के सुग्गी कुनिथा, मध्य प्रदेश के बधाई, हरियाणा के फाग और गुजरात के गरबा नृत्य की प्रस्तुतियां लोक कलाकारों की ओर से की जाएगी.